China Taiwan News / इस पड़ोसी देश ने पोल खोल कर ड्रैगन की बोलती की बंद- आखिर ताइवान को चीन क्यों बताता है अपना?

यूएस हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन की मिलिट्री एक्सरसाइज को क्षेत्र में तनाव का मूल कारण बताते हुए ताइवान ने उनके देश पर चीन के दावे को खारिज कर दिया है.ताइवान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा कि चीन ने कभी भी ताइवान पर शासन नहीं किया है.चीन की तरफ से किया जाने वाला ऐतिहासिक दावा झूठा है.स्वतंत्र देश होने के नाते ताइवान के पास अधिकार है वह दुनिया के किसी भी देश के साथ संबंध स्थापित करे.

Vikrant Shekhawat : Aug 07, 2022, 01:32 PM
China Taiwan Conflict: यूएस हाउस स्पीकर (US House Speaker) नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की ताइवान (Taiwan) यात्रा के बाद चीन की मिलिट्री एक्सरसाइज को क्षेत्र में तनाव का मूल कारण बताते हुए ताइवान ने उनके देश पर चीन (China) के दावे को खारिज कर दिया है. ताइवान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा कि चीन ने कभी भी ताइवान पर शासन नहीं किया है. चीन की तरफ से किया जाने वाला ऐतिहासिक दावा झूठा है. स्वतंत्र देश होने के नाते ताइवान के पास अधिकार है कि वह दुनिया के किसी भी देश के साथ संबंध स्थापित करे. चीन इसमें दखल नहीं दे सकता है.

चीन ने की उकसाने वाली कार्रवाई

ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन के मिसाइल लॉन्च और ताइवान के पास सैन्य जहाजों और विमानों की तैनाती अत्यधिक गैर-जिम्मेदाराना और उकसाने वाली कार्रवाई है. चीन इस इलाके में अशांति पैदा कर रहा है. चीन यथास्थिति में बदलाव करना चाह रहा है.

चीन का यथास्थिति बदलने का प्रयास

बता दें कि जी7 देशों और यूरोपियन यूनियन के देशों के विदेश मंत्रालय ने भी जॉइंट स्टेटमेंट जारी कर कहा है कि चीन को बलपूर्वक क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए. इसके अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि चीन को तुरंत अपना सैन्यभ्यास रोकना चाहिए और इलाके में शांति स्थापित करने के लिए काम करना चाहिए.

ताइवान दृढ़ता से करेगा अपनी संप्रभुता की रक्षा

ताइवान के विदेश मंत्रालय की तरफ से ये भी कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का जिम्मेदार सदस्य होने के नाते ताइवान इस विवाद को बढ़ाना नहीं चाहता है. ताइवान, चीन की गैर-जिम्मेदार मिलिट्री एक्सरसाइज का शांति से जवाब देगा. इसके अलावा अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृढ़ता से रक्षा करेगा.

इस दौरान, ताइवान ने चीन की उकसावे वाली सैन्य कार्रवाई की निंदा करने और लोकतांत्रिक ताइवान का समर्थन जारी रखने का आह्वान भी किया.