Republic Day Parade / ये राज्य रतन टाटा को श्रद्धांजलि देगा, 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर दिखेगी झांकी

इस साल गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में कर्तव्य पथ पर झारखंड अपनी झांकी में दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि देगा। राज्य की झांकी में रतन टाटा के औद्योगिक योगदान, महिलाओं के सशक्तिकरण, और राज्य की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। झारखंड उन 15 राज्यों में शामिल है जो परेड में हिस्सा लेंगे।

Vikrant Shekhawat : Jan 06, 2025, 10:20 AM
Republic Day Parade: इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाली परेड में झारखंड अपनी विशेष झांकी के माध्यम से दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करेगा। देश के पहले इस्पात शहर, जमशेदपुर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले रतन टाटा को यह सम्मान राज्य की ओर से दिया जाएगा। झारखंड उन 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल होगा, जो 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों की प्रदर्शनी के रूप में अपनी झांकियां प्रदर्शित करेंगे।

महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान
झारखंड सरकार की ओर से जारी किए गए एक बयान के अनुसार, इस वर्ष की झांकी में राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, विविधता और विकासात्मक प्रगति को प्रदर्शित किया जाएगा। विशेष रूप से, राज्य की झांकी में महिलाओं के बढ़ते सशक्तिकरण पर भी प्रकाश डाला जाएगा। पारंपरिक नृत्य और शिक्षा के माध्यम से महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में राज्य द्वारा किए गए प्रयासों को भी इस झांकी में प्रस्तुत किया जाएगा।

झारखंड की झांकी का पिछले वर्षों के मुकाबले एक नया आयाम
पिछले वर्षों की झांकियों में राज्य की पहचान से जुड़े विविध पहलुओं पर जोर दिया गया था। जैसे, पिछले साल झारखंड की झांकी में राज्य के प्रसिद्ध टसर सिल्क का प्रदर्शन किया गया था, जबकि 2023 में देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर को दर्शाया गया था। इस बार झांकी में रतन टाटा की श्रद्धांजलि के अलावा, महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में राज्य की सफलता को भी प्रमुख रूप से प्रदर्शित किया जाएगा।

झारखंड के विकास में रतन टाटा का योगदान
रतन टाटा का योगदान झारखंड के औद्योगिक और आर्थिक विकास में अतुलनीय था। जब झारखंड 2000 में एक राज्य के रूप में अस्तित्व में आया, तब जमशेदपुर पहले से ही औद्योगिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण शहर बन चुका था। रतन टाटा ने जमशेदपुर का दौरा 1963 में किया था, जब उन्होंने टाटा स्टील का कामकाजी ढांचा देखा था। उनका यह प्रयास शहर के औद्योगिक विकास को गति देने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में मददगार साबित हुआ। रतन टाटा की दूरदृष्टि ने जमशेदपुर को न केवल एक औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित किया, बल्कि यह शहर आज एक अंतरराष्ट्रीय पहचान का प्रतीक बन चुका है। रतन टाटा के निधन के बाद, उनका योगदान आज भी जीवित है और झारखंड में उनकी यादें लोगों के दिलों में सजीव हैं।

झांकी का चयन और पूर्वाभ्यास
झारखंड की झांकी को चयन प्रक्रिया के दौरान काफी सराहना मिली है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से गणतंत्र दिवस परेड के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए थे, जिसमें झारखंड की झांकी को अंतिम 15 प्रतिभागियों में स्थान मिला। अब झारखंड के अधिकारियों को 19 जनवरी 2025 तक अपनी झांकी पूरी करने का समय दिया गया है, जबकि 23 जनवरी को पूर्ण पूर्वाभ्यास होगा।

इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में झारखंड की झांकी न केवल राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करेगी, बल्कि रतन टाटा के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ राज्य के विकास की दिशा को भी उजागर करेगी। यह एक ऐतिहासिक अवसर होगा, जब झारखंड की जनता और राष्ट्र उन्हें एक सम्मानजनक तरीके से याद करेगा।