Vikrant Shekhawat : Jul 22, 2021, 05:54 PM
नई दिल्ली: राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच गुरुवार को नए आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने पेगासस जासूसी कांड को लेकर बयान दिया। वैष्णव ने कहा कि संसद का मॉनसून सेशन शुरू होने से ठीक एक दिन पहले एक वेब पोर्टल पर 18 मई को पेगासस को लेकर रिपोर्ट दी गई थी। इस रिपोर्ट में कई सनसनीखेज आरोप लगाए गए। संसद सत्र से ठीक एक दिन पहले इस रिपोर्ट का आना कोई संयोग नहीं हो सकता। यही नहीं आईटी मिनिस्टर ने कहा कि इससे पहले भी पेगासस को लेकर कई तरह के दावे वॉट्सऐप पर किए जा रहे थे। मंत्री ने कहा कि उन बातों में कोई तथ्य नहीं थे और हर पक्ष ने उसे सिरे से खारिज कर दिया था। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट से भी इसे खारिज कर दिया गया था। यही नहीं अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए पेश की गई है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट का मकसद स्थापित संस्थानों और लोकतंत्र की छवि को खराब करना है। अश्विनी वैष्णव के भाषण के दौरान जोरदार हंगामा होता रहा है और इसके चलते सदन की कार्यवाही को ही स्थगित करना पड़ा। वह अपना पूरा भाषण ही नहीं पढ़ पाए। यही नहीं टीएमसी के एक सांसद ने आईटी मिनिस्टर के बयान वाले पेज ही उनसे छीन लिए और फाड़ डाले। टीएमसी सांसदों के बर्ताव को लेकर मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'विपक्ष खासतौर पर टीएमसी और कांग्रेस के सदस्य बेहद नीचे तक गिर गए। एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जैसा उनका बर्ताव ही नहीं था। उन्होंने भारत की छवि को खराब करने का हर प्रयास किया। आज सदन में एक नेता ने तो मंत्री के हाथ से वे पर्चे ही छीन लिए, जिनमें मंत्री ने अपना बयान लिख रखा था।'मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में कभी इस तरह का सीन देखने को नहीं मिला था। इससे पहले विपक्षी नेताओं ने इतना हंगामा किया था कि पीएम नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल नए मंत्रियों का परिचय तक नहीं करा पाए थे। यही नहीं टीएमसी सांसदों के हंगामे के दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की कई सांसदों से तीखी बहस भी हुई।