Live Hindustan : Nov 30, 2019, 03:17 PM
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया है। फ्लोर टेस्ट के दौरान उद्धव ठाकरे सरकार के समर्थन में कुल 169 विधायकों के वोट पड़े। जबकि, सरकार को विश्वासमत के दौरान बहुमत के लिए जो जरूरी आंकड़ा है वो 145 होना चाहिए।जबकि, चार विधायक न्यूट्रल रहे यानि वे किसी को वोट किया। तो वहीं, उद्धव सरकार के खिलाफ फ्लोर टेस्ट के दौरान एक भी वोट नहीं पड़ा, क्योंकि बीजेपी के विधायकों ने सदन की कार्यवाही का वॉकआउट किया था। चार विधायक जो इस सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया उनमें से दो एआईएमआईएम, एक एमएनएस और एक सीपीएम के थे।इससे पहले, फ्लोर टेस्ट के दौरान बीजेपी के विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट किया।देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नियमों के खिलाफ अधिवेशन बुलाया गया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम से विधानसभा की कार्यवाही शुरू क्यों नहीं हुई। प्रोटेम स्पीकर दिलीप वलसे ने कहा राज्यपाल के मंजूरी से ही यह अधिवेशन बुलाया गया है और यह नियमों के अनुसार है। तो आपका प्वाइंट खारिज किया जाता है।महाराष्ट्र में गठबंधन शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस ने मिलकर बनाया है। रविवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा जिसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा। नए विधानसभा अध्यक्ष इसके बाद विधानसभा में नेता विपक्ष के नाम की घोषणा करेंगे। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिये तीन दिसंबर तक का वक्त दिया है। प्रदेश की 288 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी गठबंधन ने 162 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई साल रखने के मुद्दे पर शिवसेना ने अपने गठबंधन सहयोगी भाजपा से रिश्ते तोड़ लिये थे इसके बाद उद्धव ने राकांपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर सरकार बनाई।प्रदेश में 21 अक्टूबर को हुए चुनावों में भाजपा 105 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने क्रमश: 56,54 और 44 सीटें जीती थीं। राकांपा के वरिष्ठ नेता दिलीप वलसे पाटिल को शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा का अस्थायी (प्रोटेम) अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने भाजपा के कालिदास कोलंबकर की जगह ली जिन्हें विधायकों को शपथ दिलाने के दौरान पूर्व में अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। पाटिल पूर्व में भी विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। ठाकरे के अलावा छह अन्य मंत्रियों- शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस से दो-दो - ने भी शपथ ली थी।