जयपुर / मुंह बोली भांजी के साथ दुष्कर्म कर मामा अब पुलिस की गिरफ्त में

राजधानी जयपुर की झोटवाड़ा थाना पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी मामा को पकड़ लिया हैं। आरोपित के खिलाफ पिछले साल 21 नवंबर को पीड़िता की मां ने मुकदमा दर्ज करवाया था। तब से आरोपी फरार चल रहा था, जिसकी तलाश में पुलिस ने यूपी, बिहार सहित अन्य जगहों पर भी गई, लेकिन अंत में उसे गुजरात से पकड़ा।

Vikrant Shekhawat : Jan 02, 2021, 11:53 PM

राजधानी जयपुर की झोटवाड़ा थाना पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी मामा को पकड़ लिया हैं। आरोपित के खिलाफ पिछले साल 21 नवंबर को पीड़िता की मां ने मुकदमा दर्ज करवाया था। तब से आरोपी फरार चल रहा था, जिसकी तलाश में पुलिस ने यूपी, बिहार सहित अन्य जगहों पर भी गई, लेकिन अंत में उसे गुजरात से पकड़ा।

एसीपी झोटवाड़ा हरिशंकर शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित राजेन्द्र यादव उर्फ राजू मूलत: गांव यादवों का बास थाना मारोठ जिला नागौर का रहने वाला है। वह यहां तारा नगर-डी झोटवाड़ा में किराए से रहता था। आरोपी का पीड़िता के घर आना-जाना था और उसकी मां को वह बहन बोलता था। इसी के चलते बच्ची भी उसे मामा कहती बुलाती थी। पूरा परिवार उस पर विश्वास करता था। इसी विश्वास का फायदा उठाकर उसने महज मुंहबोली नाबालिग भांजी के साथ इस घिनौने वारदात को अंजाम दिया।

दर्द हुआ तो दवा दिलवाने के बहाने लेकर गया था डॉक्टर के पास:

पुलिस ने बताया कि पीड़िता ने अपने बयानों में बताया था कि करीब 5 माह पहले जुलाई की बात हैं, जब उसके पेट में दर्द उठा था। पेट में दर्द का इलाज करवाने के बहाने आरोपित राजू उसे डॉक्टर के पास ले जाने की बात कही। बच्ची ने बताया कि वह उसे अपने साथ डॉक्टर के बजाय कहीं और ले गया और वहां एक इंजेक्शन लगवाया। इंजेक्शन लगवाने के बाद वह बेहोश हो गई। जब पीड़िता को होश आया तो कपड़े भी अस्त-व्यस्त मिले। इसे देख वह कुछ समझ पाती इससे पहले ही मामा उसे धमकाने लगा और घरवालों को बताने पर जान से मारने की धमकी देने लगा।

सोनोग्राफी करवाई तो हुआ खुलासा:

घटना के करीब पांच माह बाद पीड़िता को वापस पेट में दर्द हुआ। इस बार वह जब अपनी मां के साथ अस्पताल पहुंची, तो डॉक्टरों ने सोनोग्राफी करवाने की बात कही। सोनोग्राफी की तो पीड़िता के 19 सप्ताह की गर्भवती होने का पता चला। इसके बाद जब मां ने अपनी बच्ची से पूरी बात जानी तो उसने घटना के बारे में बताया, जिसके बाद मां ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। आरोपी का पीड़िता के घर आना-जाना था और उसकी मां को वह बहन बोलता था। इसी के चलते बच्ची भी उसे मामा कहती बुलाती थी। पूरा परिवार उस पर विश्वास करता था।