Zee News : Sep 07, 2020, 06:54 AM
नई दिल्लीः कोरोना काल में आमलोगों के लिए सब्जी खाना मुहाल हो गया है। बरसात के मौसम में हरी सब्जियों की महंगाई तो हर साल रहती है, लेकिन इस साल आलू का दाम भी लगातार आसमान छू रहा है। आलू का भाव 50 रुपये किलो के पार चला गया है। प्याज और टमाटर के दाम में भी लगातार इजाफा हो रहा है। एशिया में फलों और सब्जियों की सबसे बड़ी मंडी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में शनिवार को आलू का थोक भाव 13 रुपये से 52 रुपये प्रति किलो था।
बीते दो महीने में आलू के थोक दाम में 50 से 150 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। प्याज का थोक भाव आजादपुर मंडी में 10 रुपये से 20 रुपये प्रति किलो और टमाटर का 13 रुपये से 52 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया। थोक कारोबारियों ने बताया कि आवक कम होने की वजह से आलू, प्याज, टमाटर व अन्य सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ है।बीते तीन महीने में तमाम हरी सब्जियों की कीमतें दोगुनी-तिगुनी तक बढ़ गई, जिससे आम लोगों के लिए सब्जी खाना मुश्किल हो गया है। ग्रेटर नोएडा निवासी व आईटी प्रोफेशनल सुरभि ने बताया कि पहले जितनी सब्जियां 100 से 200 रुपये में आती थीं, उतनी के लिए अब 300 से 400 रुपये खर्च करना पड़ता है।सब्जी विक्रेता अखिलेश कुमार ने बताया कि दाम बढ़ने से लोगों ने सब्जी खरीदना कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि जो उपभोक्ता पहले दो किलो सब्जी खरीदते थे, वे अब सिर्फ एक किलो ही खरीद रहे हैं। उपभोक्ता नीरज ने कहा कि हरी सब्जियां महंगी होने पर गरीब-अमीर सबके लिए आलू एक बड़ा सहारा होता था, लेकिन अब तो आलू का भाव भी आसमान चढ़ गया है, जिस कारण आमजनों के लिए सब्जी खाना मुहाल हो गया है।
आलू की महंगाई पर चर्चाआलू के दाम में हो रही बढ़ोतरी से सरकार भी चिंतित है। सूत्रों ने बताया कि गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बीते सप्ताह मंत्रिसमूह की बैठक में भी आलू की महंगाई को लेकर चर्चा हुई।बता दें कि कोरोना काल में मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर किसानों के हित में तीन महत्वपूर्ण कानूनी सुधारों को अमलीजामा पहनाया, जिनमें आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन भी शामिल है। इस संशोधन के जरिए आलू, प्याज, दलहन, तिलहन व खाद्य तेल को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से हटा दिया है।आजादपुर मंडी कृषि उपज विपणन समिति के पूर्व चेयरमैन राजेंद्र शर्मा ने बताया कि बरसात के कारण आलू की फसल लगने और तैयार होने में विलंब होने के अंदेशे से कीमतों में इजाफा हो रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज में आलू के स्टॉक में कमी नहीं है, लेकिन बरसात के कारण अगली फसल में विलंब होने के अंदेशे से कीमतों में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में भारी बारिश के कारण प्याज की तैयार फसल खराब होने से प्याज के दाम में भी तेजी आई है।
दिल्ली-एनसीआर में रविवार को सब्जियों के खुदरा दाम (रुपये प्रति किलो) :आलू 40-50, फूलगोभी-150, बंदगोभी-50, टमाटर 70-80, प्याज 30-40, लौकी/घीया-40, भिंडी-60, खीरा-40, कद्दू-40, बैंगन-60, शिमला मिर्च-80, पालक-80, कच्चा पपीता-40, कच्चा केला-50, सहजन यानी ड्रमस्टिक-200, तोरई-40, करेला-60, परवल 80-100, लोबिया-60, अरबी-40,अदरख-200, लहसन-200।
जून में सब्जियों के खुदरा दाम (रुपये प्रति किलो) :आलू 20-25, गोभी 30-40, टमाटर 20-30, प्याज 20-25, लौकी/घीया-20, भिंडी-20, खीरा-20, कद्दू 10-15, बैंगन-20, शिमला मिर्च-60, तोरई-20, करेला 15-20।
बीते दो महीने में आलू के थोक दाम में 50 से 150 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। प्याज का थोक भाव आजादपुर मंडी में 10 रुपये से 20 रुपये प्रति किलो और टमाटर का 13 रुपये से 52 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया। थोक कारोबारियों ने बताया कि आवक कम होने की वजह से आलू, प्याज, टमाटर व अन्य सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ है।बीते तीन महीने में तमाम हरी सब्जियों की कीमतें दोगुनी-तिगुनी तक बढ़ गई, जिससे आम लोगों के लिए सब्जी खाना मुश्किल हो गया है। ग्रेटर नोएडा निवासी व आईटी प्रोफेशनल सुरभि ने बताया कि पहले जितनी सब्जियां 100 से 200 रुपये में आती थीं, उतनी के लिए अब 300 से 400 रुपये खर्च करना पड़ता है।सब्जी विक्रेता अखिलेश कुमार ने बताया कि दाम बढ़ने से लोगों ने सब्जी खरीदना कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि जो उपभोक्ता पहले दो किलो सब्जी खरीदते थे, वे अब सिर्फ एक किलो ही खरीद रहे हैं। उपभोक्ता नीरज ने कहा कि हरी सब्जियां महंगी होने पर गरीब-अमीर सबके लिए आलू एक बड़ा सहारा होता था, लेकिन अब तो आलू का भाव भी आसमान चढ़ गया है, जिस कारण आमजनों के लिए सब्जी खाना मुहाल हो गया है।
आलू की महंगाई पर चर्चाआलू के दाम में हो रही बढ़ोतरी से सरकार भी चिंतित है। सूत्रों ने बताया कि गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बीते सप्ताह मंत्रिसमूह की बैठक में भी आलू की महंगाई को लेकर चर्चा हुई।बता दें कि कोरोना काल में मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर किसानों के हित में तीन महत्वपूर्ण कानूनी सुधारों को अमलीजामा पहनाया, जिनमें आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन भी शामिल है। इस संशोधन के जरिए आलू, प्याज, दलहन, तिलहन व खाद्य तेल को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से हटा दिया है।आजादपुर मंडी कृषि उपज विपणन समिति के पूर्व चेयरमैन राजेंद्र शर्मा ने बताया कि बरसात के कारण आलू की फसल लगने और तैयार होने में विलंब होने के अंदेशे से कीमतों में इजाफा हो रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज में आलू के स्टॉक में कमी नहीं है, लेकिन बरसात के कारण अगली फसल में विलंब होने के अंदेशे से कीमतों में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में भारी बारिश के कारण प्याज की तैयार फसल खराब होने से प्याज के दाम में भी तेजी आई है।
दिल्ली-एनसीआर में रविवार को सब्जियों के खुदरा दाम (रुपये प्रति किलो) :आलू 40-50, फूलगोभी-150, बंदगोभी-50, टमाटर 70-80, प्याज 30-40, लौकी/घीया-40, भिंडी-60, खीरा-40, कद्दू-40, बैंगन-60, शिमला मिर्च-80, पालक-80, कच्चा पपीता-40, कच्चा केला-50, सहजन यानी ड्रमस्टिक-200, तोरई-40, करेला-60, परवल 80-100, लोबिया-60, अरबी-40,अदरख-200, लहसन-200।
जून में सब्जियों के खुदरा दाम (रुपये प्रति किलो) :आलू 20-25, गोभी 30-40, टमाटर 20-30, प्याज 20-25, लौकी/घीया-20, भिंडी-20, खीरा-20, कद्दू 10-15, बैंगन-20, शिमला मिर्च-60, तोरई-20, करेला 15-20।