Coronavirus / लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर लग सकता है 1000 रुपये का जुर्माना, जानें क्या है सेक्शन 188

कोरोना वायरस का संक्रमण देश में तेजी से बढ़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी राज्यों ने अपनी-अपनी सीमाएं सील कर दी हैं और पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की है। इस धारा के तहत लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले पर 1000 रुपये का जुर्माना या छह महीने तक कारावास की सजा हो सकती है। महामारी रोग अधिनियम, 1897 का अधिनियम 3 किसी भी विनियमन या आदेश की अवज्ञा के लिए दंड प्रदान करता है।

Jansatta : Mar 24, 2020, 07:08 AM
नई दिल्ली | कोरोना वायरस का संक्रमण देश में तेजी से बढ़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी राज्यों ने अपनी-अपनी सीमाएं सील कर दी हैं और पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की है। लॉकडाउन के बावजूद कई लोग बड़ी संख्या में अपने अपने घरों से बाहर आ रहे हैं। लोग यह समझने को तैयार नहीं हैं कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। ऐसे में इस महामारी से बचने के लिए पुलिस लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करेगी। पुलिस ऐसे लोगो के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 188 के तहत कार्रवाई करेगी।

इस धारा के तहत लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले पर 1000 रुपये का जुर्माना या छह महीने तक कारावास की सजा हो सकती है। महामारी रोग अधिनियम, 1897 का अधिनियम 3 किसी भी विनियमन या आदेश की अवज्ञा के लिए दंड प्रदान करता है। ये भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अनुसार हैं। इस धारा के अंतर्गत लोक सेवक द्वारा प्रख्यापित किसी आदेश की अवज्ञा करने वाले व्यक्ति को दण्डित करने का प्रावधान है।

इस धारा के तहत दोषी पाए गए व्यक्ति को छह महीने तक की जेल की सजा दिए जाने का प्रावधान है। वैसे इस सेक्शन के तहत एक माह के साधारण कारावास या जुर्माना या जुर्माने के साथ कारावास की सजा दोनों हो सकते हैं, यह जुर्माना 200 रुपये से 1000 रुपए तक हो सकता है। 6 महीने की सजा तब बनती है, जब अवज्ञा मानव जीवन, स्वास्थ्य , सुरक्षा के लिए खतरे का या दंगे का कारण बनती है।

बता दें देश में अबतक 400 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं अबतक 9 लोगों की इस से मौत हो चुकी है। दिल्ली समेत देश के 23 राज्यों में पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लागू है। सिर्फ आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी। कल जनता कर्फ्यू के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह लड़ाई लंबी चलेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी किए जा रहे निर्देशों का जरूर पालन करें।