Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र की राजनीति में हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा दिए गए बयान ने हलचल मचा दी है। शिंदे ने अपने बयान में उद्धव ठाकरे और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि उन्होंने उद्धव ठाकरे को चेतावनी दी थी कि कांग्रेस के साथ जाने का निर्णय शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के विचारों के खिलाफ है। शिंदे ने कहा कि उन्होंने उद्धव ठाकरे को बार-बार समझाने का प्रयास किया था, परंतु ठाकरे ने निजी हितों को प्राथमिकता देते हुए कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया।
शिंदे के अनुसार, बालासाहेब ठाकरे हमेशा कांग्रेस से दूर रहने की सलाह देते थे और उनकी विचारधारा कांग्रेस के खिलाफ थी। शिंदे ने कहा कि इस गठबंधन के चलते शिवसेना और उसके कार्यकर्ताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ा। पार्टी में अंदरूनी असंतोष और सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर उन्होंने महाराष्ट्र की जनता की भावना को ध्यान में रखते हुए शिवसेना-बीजेपी गठबंधन की सरकार बनाने का निर्णय लिया।
शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में लिया निर्णय
एकनाथ शिंदे ने खुद को एक सच्चे शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि पार्टी अनुशासन के तहत उन्होंने शुरुआत में महा विकास अघाड़ी सरकार का समर्थन किया। लेकिन बाद में उन्होंने महसूस किया कि यह सरकार बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से मेल नहीं खाती। उन्होंने अपनी पार्टी और कार्यकर्ताओं के भविष्य की रक्षा के लिए एमवीए सरकार के खिलाफ कदम उठाने का फैसला किया। शिंदे के अनुसार, यदि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन नहीं होता तो शिवसेना का अस्तित्व संकट में आ जाता।
"मैं 'सीएम' यानी 'कॉमन मैन' हूं"
शिंदे ने कहा कि वे मुख्यमंत्री (सीएम) का मतलब ‘कॉमन मैन’ (साधारण आदमी) समझते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले दो वर्षों में जिस तरह से कार्य किया है, उसकी सराहना स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है। केंद्र और राज्य में एक विचारधारा की सरकार होने के चलते महाराष्ट्र में कई क्षेत्रों में प्रगति हुई है। शिंदे के शासनकाल में महाराष्ट्र ने जीडीपी, एफडीआई, जीएसटी और स्वच्छता में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में राज्य में 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है।
पिछली सरकार पर आरोप
मुख्यमंत्री शिंदे ने पिछली एमवीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सरकार जनता की भलाई के बजाय निजी स्वार्थ के लिए काम करती थी। शिंदे ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि एमवीए सरकार ने खुद की संपत्ति और हितों को साधने के लिए काम किया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार जनता के लिए काम कर रही है और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य में उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
"बालासाहेब होते तो मुंह तोड़ देते"
शाइना एनसी के बारे में अरविंद सावंत की विवादास्पद टिप्पणी पर भी मुख्यमंत्री शिंदे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस तरह की बात एक महिला के खिलाफ करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, और बालासाहेब ठाकरे होते तो इसका करारा जवाब देते। शिंदे ने यह भी कहा कि भविष्य में चुनावों के दौरान महिलाएं ऐसे लोगों को सबक सिखाएंगी। उन्होंने बाबा सिद्दीकी की हत्या को भी एक गंभीर घटना बताते हुए कहा कि सरकार इसके दोषियों को किसी भी हालत में नहीं छोड़ेगी और घटना की जड़ तक जाकर न्याय करेगी।
निष्कर्ष
एकनाथ शिंदे के हालिया बयानों से यह स्पष्ट होता है कि वे महाराष्ट्र की राजनीति में एक दृढ़ और स्पष्ट दृष्टिकोण लेकर चल रहे हैं। शिंदे की सरकार ने बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को प्राथमिकता देने और जनता के हित में काम करने का वादा किया है। उनके इस रुख ने राजनीति में नए विवाद और चर्चाओं को जन्म दिया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में इसका क्या असर पड़ता है।