AajTak : May 15, 2020, 08:06 PM
बिज़नेस डेस्क | बीते बुधवार से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के बारे में जानकारी दे रही हैं। इसी के तहत वह शुक्रवार को भी मीडिया से मुखातिब हुईं।निर्मला सीतारमण का ये तीसरा प्रेस कॉन्फ्रेंस पूरी तरह किसान केंद्रित था। इस दौरान कृषि क्षेत्र के लिए 11 ऐलान किए गए। इसमें 8 फैसले कृषि और इंफ्रा से जुड़े थे जबकि 3 फैसले गवर्नेंस और रिफॉर्म के हैं।गवर्नेंस और रिफॉर्म के सुधार- किसानों की निश्चित आय, जोखिम रहित खेती और गुणवत्ता के मानकीकरण के लिए एक कानून बनाया जाएगा। इस फायदा ये होगा कि किसानों का उत्पीड़न रुकेगा और किसानों के जीवन में सुधार आएगा।-एक केंद्रीय कानून आएगा जिससे किसान अपने उत्पाद को आकर्षक मूल्य पर दूसरे राज्यों में भी बेच सकें। अभी वह सिर्फ लाइसेंसी को ही बेचा जा सकता है। अगर वह किसी को भी बेच सके तो उसे मनचाही कीमत मिलेगी। हम उसे ऐसी सुविधा देंगे।-आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में लागू हुआ था, अब देश में प्रचुर उत्पादन होता है हम निर्यात करते हैं। इसलिए इसमें बदलाव जरूरी है। अब अनाज, तिलहन, प्याज, आलू आदि को इससे मुक्त किया जाएगा।किसानों के लिए हुए ये ऐलान- वित्त मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार टमाटर, प्याज और आलू के अलावा बाकी सभी फल और सब्जियों के लिए भी किया जाएगा।-वित्त मंत्री ने कहा कि मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये की सहायता। इससे मधुमक्खी पालन के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाएगा। इससे 2 लाख पालकों की आय बढ़ेगी।-वित्त मंत्री ने कहा कि हर्बल पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इन पौधों की ग्लोबल डिमांड है। लगभग 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल प्रोड्क्टस की खेती होगी। इससे 5,000 करोड़ की आय किसानों को होगी। गंगा के किनारे 800 हेक्टेयर भूमि पर हर्बल प्रोडक्ट्स के लिए कॉरिडोर बनाया जाएगा।-वित्त मंत्री ने कहा कि एनिमल हसबैंड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डेलेवपमेंट फंड में 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। दूध उत्पादन, वैल्यू एडिशन के लिए खर्च किए जाएंगे।-वित्त मंत्री ने कहा कि 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण की योजना हम लेकर आए हैं। इसमें लगभग 13,343 करोड़ रुपये खर्च होंगे।-वित्त मंत्री ने कहा कि 20 हजार करोड़ की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, जिसकी घोषणा बजट में की गई की, कोरोना की वजह से इसे तत्काल लागू किया जा रहा है। इसमें समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के लिए और 9,000 करोड़ रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के विकास में लगाया जाएगा। मछुआरों को नई नौकाएं दी जाएंगी, 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे भारत का निर्यात दोगुना बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा। अगले 5 साल में 70 लाख टन अतिरिक्त मत्स्य उत्पादन होगा।- वित्त मंत्री ने कहा कि माइक्रो फूड इंटरप्राइज के लिए 10,000 करोड़ क स्कीम लाई गई है। उदाहरण देते हुए निर्मला सीतारमण ने बताया कि बिहार में मखाना के क्लस्टर, केरल में रागी, कश्मीर में केसर, आंध्र प्रदेश में मिर्च, यूपी में आम से जुड़े क्लस्टर बनाए जा सकते हैं। इसका फायदा करीब 2 लाख माइक्रो फूड इंटरप्राइज को मिलेगा।-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक कृषि का आधारभूत ढ़ांचा बनाने के लिए 1 लाख करोड़ की योजना लाई गई।-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक लॉकाडाउन के दौरान पीएम किसान फंड में 18,700 करोड़ ट्रांसफर किए गए है। PM फसल बीमा योजना के तहत 6,400 करोड़ का क्लेम पेमेंट हुआ। लॉकडाउन के दौरान 5000 करोड़ की अतिरिक्त लिक्विडिटी का लाभ किसानों को हुआ है।- वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान भी किसान काम करते रहे, छोटे और मंझोले किसानों के पास 85 फीसदी खेती है।गुरुवार को क्या मिला?गुरुवार को दूसरे प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने पटरी-रेहड़ी कारोबारी, छोटे किसान, प्रवासी श्रमिकों से जुड़े 9 बड़े ऐलान किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि 50 लाख रेहड़ी-पटरी कारोबारियों के लिए 10 हजार रुपये का विशेष लोन दिया जाएगा, इसके लिए सरकार 5 हजार करोड़ खर्च करेगी।इसी तरह, शिशु लोन पर छूट, क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की डेडलाइन बढ़ा दी गई है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक 2।5 करोड़ किसानों को क्रेडिट कार्ड पर 2 लाख करोड़ रुपये तक का कर्ज मिलेगा। इसके अलावा मार्च 2021 तक वन नेशन, वन कार्ड योजना को देशभर में लागू किया जाएगा। इसके अलावा शहरी बेघरों के लिए सस्ता घर, रेंटल घर, तीन वक्त का खाना, किसान क्रेडिट कार्ड, जैसे बड़े ऐलान किए गए।बुधवार को क्या हुआ था ऐलान- बुधवार को करीब 6 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान हुआ। इस पैकेज में से एक बड़ा हिस्सा सूक्ष्म, लघु और मझोले कारोबार (MSME) को दिया गया है। वहीं सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मझोले कारोबार की परिभाषा में भी बदलाव कर दिया है।- वहीं बिजली वितरण कंपनियों पर 94,000 करोड़ रुपये का बकाया है और उनको 90,000 करोड़ का बेल आउट दिया गया है।- गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों, एमएफआई को 30,000 करोड़ की नकदी सुविधा- एनबीएफसी के पार्शियल गारंटी स्कीम के लिए 45,000 करोड़ रुपये- मिडिल क्लास को सरकार ने सबसे बड़ी राहत टैक्स के मोर्चे पर दी है। दरअसल, सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सभी आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा 31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दी है। इसके अलावा टैक्स से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए लाई गई 'विवाद से विश्वास योजना' की डेडलाइन 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ गई है।- सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत आने वाले सभी नियोक्ताओं और कर्मचारियों के पीएफ कंट्रीब्यूशन को क्रमश: 2-2 फीसदी कम कर दिया गया है। अब तीन माह तक कर्मचारी अपने मूल वेतन का 12 फीसदी की बजाए सिर्फ 10 फीसदी कंट्रीब्यूशन देंगे।- टीडीएस की दर में भी 25 फीसदी की कटौती कर दी गई है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी का 100 रुपये का टीडीएस बनता है तो उसे 75 रुपये ही देने होंगे।