RBI / 500 रुपये के नोट कहां ‘लापता’ हुए? 88 हजार करोड़ का नहीं मिल रहा कोई हिसाब

500 रुपये के नोट अचानक बाजार से लापता हो गए हैं. करीब 88 हजार करोड़ के 500 रुपये वाले नोट गायब हो गए हैं. इन गायब हुए पैसों का कोई हिसाब नहीं है. बता दें, RBI ने 500 रुपये के 8810.65 मिलियन नोट छापे थे. लेकिन, बैंकों को सिर्फ 7260 मिलियन नोट ही मिले. यानी करीब 176 करोड़ 500 रुपये के नोट कहीं बीच रास्ते से ही गायब हो गए हैं. ऐसे में इसे अब तक की सबसे बड़ी चोरी बताया जा रहा है. अगर इन गायब हुए नोटों की वैल्यू निकाली जाए

Vikrant Shekhawat : Jun 17, 2023, 06:27 PM
RBI: 500 रुपये के नोट अचानक बाजार से लापता हो गए हैं. करीब 88 हजार करोड़ के 500 रुपये वाले नोट गायब हो गए हैं. इन गायब हुए पैसों का कोई हिसाब नहीं है. बता दें, RBI ने 500 रुपये के 8810.65 मिलियन नोट छापे थे. लेकिन, बैंकों को सिर्फ 7260 मिलियन नोट ही मिले. यानी करीब 176 करोड़ 500 रुपये के नोट कहीं बीच रास्ते से ही गायब हो गए हैं. ऐसे में इसे अब तक की सबसे बड़ी चोरी बताया जा रहा है. अगर इन गायब हुए नोटों की वैल्यू निकाली जाए तो ये करीब 88 हजार करोड़ होती है. इस बात का खुलासा एक RTI रिपोर्ट में हुआ है.

बता दें, नोटों की छपाई देश में सिर्फ चार जगहों पर होती है. देवास, नासिक, मैसूर और सालबोनी में ही RBI नोटों की छपाई का काम करता है. ऐसे में अप्रैल 2015- मार्च 2016 के बीच करंसी नोट प्रेस नासिक की तरफ से 210 मिलियन 500 रुपये के नोट छापे गए करीब 88 हजार करोड़ रुपये के नोट गायब हैं.

RTI में हुआ खुलासा

Free Press Journal की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात का खुलासा एक RTI रिपोर्ट में हुआ है. एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने RTI के जरिये इन नोटों पर सवाल खड़ा किया था. मनोरंजन ने 1760.65 मिलियन मिसिंग नोट पर सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठाये हैं. उन्होंने कहा 88 हजार करोड़ के नोट सिक्योरिटी पर सवाल उठते हैं.

एक्टिविस्ट ने दिखाए ये आंकड़े

FPJ के मुताबिक, एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने RTI के जरिये इन गायब हुए नोटों के बारे में जानकारी लेनी चाही थी. RTI से मिले आंकड़ों के मुताबिक नोट साल 2015 से मार्च 2016 के बीच नासिक यूनिट में छपे हैं. उस दौरान करीब 375.450 मिलियन 500 रुपये के नोट छापे गए थे. मगर RBI के रिकॉर्ड में सिर्फ 345 मिलियन नोट ही मिले. बता दें, साल 2015-2016 के दौरान रघुराम राजन RBI के गवर्नर थे. RTI में बताया गया कि 2015 अप्रैल से लेकर 2016 मार्च के बीच 500 रुपये के 210 मिलियन नोटों की छपाई हुई थी. जो RBI को भेजे गए थे.

नोट प्रेस ने सेंट्रल बैंक को भेजे नोट

नासिक में नोट छापने वाली प्रेस रिपोर्ट में बताती है कि उन्होंने नए 500 रुपये के नोट सेंट्रल बैंक को भेजे हैं. मगर, इस बात का जिक्र पब्लिक डोमेन में मौजूद RBI की एनुअल रिपोर्ट में ऐसा कुछ भी नहीं है. RBI ने बताया ही नहीं कि उसे ये 500 रुपये के नए भेजे हैं. एक्टिविस्ट के मुताबिक, इससे ये साफ़ होता है कि 210 मिलियन 500 रुपये के नोट RBI को मिले ही नहीं है.

रहस्यमय ढंग से गायब हुए 500 के नोट

द फ्री प्रेस जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, किसी को नहीं पता है कि रहस्यमय ढंग से गायब हुए 1,760.65 मिलियन 500 रुपये के नोट कहां है, जिसमें अप्रैल 2015 से मार्च 2016 तक नासिक मिंट में मुद्रित 210 मिलियन नोट शामिल हैं. गायब होने वाले नोटों की कीमत 88,032.5 करोड़ रुपये है. बार-बार प्रयासों के बावजूद, भारतीय रिजर्व बैंक के प्रवक्ता ने रिजर्व बैंक वॉल्ट से गायब होने वाले नोटों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

यहां होती है नोटों की छपाई

भारत अधिकृत नोट मुद्रण को तीन सरकारी मिंटों - भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड, बेंगलुरु, करेंसी नोट प्रेस, नासिक, और बैंक नोट प्रेस, देवास में मुद्रित करता है और उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक वॉल्ट में भेजता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में आगे की वितरण के लिए होते हैं.

RTI से हुआ बड़ा खुलासा

RTI का डेटा अधिकार के तहत जानकारी अधिग्रहण की गई जिसे एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने हासिल किया. नासिक करेंसी नोट प्रेस द्वारा 375.450 मिलियन नए डिजाइन के 500 रुपये के नोटों की मुद्रण की गई, लेकिन रिजर्व बैंक के रिकॉर्ड में केवल 345.000 मिलियन नोट मिले हैं, जो अप्रैल 2015 से दिसंबर 2016 तक मुद्रित किए गए थे. पिछले महीने एक अन्य आरटीआई के उत्तर में, नासिक करेंसी नोट प्रेस ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-2016 (अप्रैल 2015-मार्च 2016) के लिए 210 मिलियन रुपये के 500 नोट आरबीआई को आपूर्ति किए गए थे, जब रघुराम राजन भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर थे.

इतने नोट गायब होना मजाक नहीं

रिजर्व बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था में होने वाले इस बड़ी असंगति के बारे में उदासीन है, जिसमें मिंटों में मुद्रित उच्च-मूल्य भारतीय मुद्रा नोटों की संख्या और रिजर्व बैंक वॉल्ट में प्राप्त होने वाली कुल संख्या में इतनी बड़ी असंगति है. 1,760.65 मिलियन नोट गायब होना कोई मजाक नहीं है. मनोरंजन रॉय ने कहा कि यह हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था और उसकी स्थिरता के बारे में सुरक्षा संबंधी चिंताओं को उठाता है. RTI कार्यकर्ता ने इस बारे में केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो और ED को लिखा है.

उन्होंने केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो और एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट को लिखकर तीन मिंटों में मुद्रित करोड़ों में उच्च मूल्य की मुद्रा नोटों में अनियमितताओं की जांच करने के लिए कहा है. वरिष्ठ भारतीय रिजर्व बैंक अधिकारी ने असंगति का बचाव किया है. लेकिन, यह अजीब है कि नोटों को रिजर्व बैंक वॉल्ट में पहुंचने में इतना समय लग रहा है.

नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने करेंसी प्रिंटिंग प्रेस में हजारों करोड़ के घोटाले का सनसनीखेज आरोप लगाया है. 2016 में नोट फैक्ट्रियों में 88 हजार करोड़ के नोट छापे गए. हालांकि अजित पवार ने आरोप लगाया है कि यह सरकार के खजाने में नहीं पहुंचा है. उन्होंने यह आरोप एक अखबार के हवाले से लगाया है. अजित पवार ने यह भी मांग की है कि आरबीआई को इस पर सफाई देनी चाहिए.