दुनिया / छोटे कपड़ों में भी लड़कियों को क्यों नहीं लगती ठंड? मिल गया जवाब

'द मिरर' की खबर के मुताबिक ब्रिटेन में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है और हर कोई जैकेट या कोट से खुद को सर्दी से बचाने की कोशिश में जुटा है. लेकिन इसके बावजूद नाइट आउट के दौरान कुछ लड़कियां अब भी गरम कपड़े पहनने से परहेज करती हैं. तो क्या इन्हें कम कपड़ों में भी सर्दी नहीं लगती? इसके पीछे का वैज्ञानिक पहलू हम आपको बताते हैं.

Vikrant Shekhawat : Nov 09, 2021, 09:08 PM
लंदन: अक्सर आपने पार्टियों और नाइट क्लब में भीषण सर्दी के बावजूद लड़कियों को शार्ट्स या कम कपड़ों में देखा होगा. फैशन के दौर में लोग अपनी सेहत से ज्यादा अपने लुक की चिंता में लगे रहते हैं. लेकिन क्या सर्दी के मौसम में भी छोटे कपड़े पहनने के बाद भी लड़कियों को ठंड नहीं लगती है. इस सवाल का जवाब ब्रिटेन के वैज्ञानिकों को खोज निकाला है. 

छोटे कपड़ों में नहीं लगती ठंड?

'द मिरर' की खबर के मुताबिक ब्रिटेन में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है और हर कोई जैकेट या कोट से खुद को सर्दी से बचाने की कोशिश में जुटा है. लेकिन इसके बावजूद नाइट आउट के दौरान कुछ लड़कियां अब भी गरम कपड़े पहनने से परहेज करती हैं. तो क्या इन्हें कम कपड़ों में भी सर्दी नहीं लगती? इसके पीछे का वैज्ञानिक पहलू हम आपको बताते हैं. 

ब्रिटिश जर्नल ऑफ सोशल साइकोलॉजी में इसे लेकर एक स्टडी प्रकाशित हुई है जिसमें इस सवाल का जवाब खोजा गया है. स्टडी की एक ऑथर रौक्सै फेलिग ने बताया कि जब भी कोई खुद को बाहर से अच्छा दिखाने पर फोकस करता है तब उसके रोजमर्रा की जरुरतें इतनी ज्यादा मायने नहीं रखती हैं. वह आगे बताती हैं कि उन्होंने साल 2014 में कार्डी बी के दावे की पड़ताल करते हुए इस सवाल का जवाब खोजा है.

महिलाओं ने खुद को ऑब्जेक्ट में बदला

फेलिग ने बताया कि कार्डी ने कहा था कि वह अच्छा दिखने पर फोकस करती थी और ऐसे में उसने खुद को सर्द अहसास दिलाने वाले कपड़ों में रखा था. जब कोई महिला ऑब्जेक्ट की हालत में आ जाती है तो ऐसे में उसकी हार्ट बीट से लेकर भूख-प्यार सब अपना महत्व खोने लगती है. इस हालत में वह अपनी आतंरिक स्थिति को पहचानने की कोशिश ही नहीं करती.  

रिसर्च टीम ने इस काम के लिए भीषण सर्दी के बीच फ्लोरिडा के क्लब का दौरा किया और वहां महिलाओं से बातचीत की. इस बातचीत के साथ बदन को दिखाते हुए उनकी कुछ तस्वीरें भी उतारी गईं, यह सब तब हुआ जब वहां का टेंपरेचर सिर्फ 4 से 10 डिग्री के बीच था. इस रिसर्च में सामने आया कि जिस महिला ने सेल्फ ऑब्जेक्टिफिकेशन पर ज्यादा ध्यान लगा रखा था उसे सर्दी का बिल्कुल भी अहसास नहीं था.  

स्किन के साथ कैसा रहा नाता

आखिर में वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे कि जिन महिलाओं ने खुद को ऑब्जेक्ट के तौर पर कम प्रोजेक्ट किया उनका अपनी स्किन के साथ रिलेशनशिप ज्यादा मजबूत दिखा साथ ही उन्हें सर्दी का अहसास भी था. लेकिन इसके उलट जो महिलाएं अपने लुक और दिखावे पर ज्यादा फोकस रहीं, उन्हें कम कपड़ों में भी सर्दी का बिल्कुल भी अहसास नहीं था.