Vikrant Shekhawat : May 08, 2022, 08:41 AM
कुम्हारों की कॉलोनी कुमारतुली की गलियों में तैयार की गई मां काली की फाइबर से बनी पांच फुट लंबी मूर्ति 17 मई से ब्रिटिश संग्रहालय की शोभा बढ़ाएगी। कारीगर कौशिक घोष ने बताया कि मूर्ति बनाने के लिए लंदन में एनआरआई बंगालियों की समिति कैमडेन दुर्गा पूजा समिति ने दिसंबर में उनसे संपर्क किया। करीब डेढ़ माह में उन्होंने 35 किलो वजनी मूर्ति तैयार की।
ब्रिटिश संग्रहालय जल्द नारी शक्ति से जुड़े चेहरे दिखाने के लिए दुनियाभर से मूर्तियों, पवित्र वस्तुओं और कलाकृतियों के लिए प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रही है। घोष ने बताया कि प्रदर्शनी की थीम को ध्यान में रखते हुए मूर्ति निर्माण में अच्छी गुणवत्ता का फाइबर और पेंट का इस्तेमाल किया। मूर्ति के आभूषण गोल्ड प्लेटेड हैं। मूर्ति को ब्रिटेन में मिश्र के देवता सेखमेट और ग्रीक की एथेना के साथ प्रदर्शित किया जाएगा।
महिला सशक्तीकरण को समझने का प्रयासब्रिटिश संग्रहालय की वेबसाइट के अनुसार प्रदर्शनी के जरिये प्राचीन समय में महिला सशक्तीकरण को समझने का प्रयासा किया जाएगा।वेबसाइट में कहा गया है कि ज्ञान, जुनून और इच्छा से लेकर युद्ध, न्याय और दया तक, दुनिया भर में महिला आध्यात्मिक शक्तियों की अभिव्यक्ति हमें इस पर चिंतन करने के लिए प्रेरित करती है कि वर्तमान में हम नारीत्व और लिंग पहचान को कैसे देखते हैं।
लोगों को फिल्म भी दिखाई जाएगी : कैमडेन दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष आनंद गुप्ता ने कहा कि संग्रहालय की केट मैकस्वीनी ने देवी के हिंदू धर्म और लोगों के जीवन में महत्व को समझने के लिए उनसे संपर्क किया था। मैकस्वीनी और उनके सहयोगियों ने कैमडेन समिति की ओर से आयोजित काली पूजा को भी देखा। मैक्सवीनी की ओर से बनाई गई फिल्म भी लोगों को दिखाई जाएगी।
ब्रिटिश संग्रहालय जल्द नारी शक्ति से जुड़े चेहरे दिखाने के लिए दुनियाभर से मूर्तियों, पवित्र वस्तुओं और कलाकृतियों के लिए प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रही है। घोष ने बताया कि प्रदर्शनी की थीम को ध्यान में रखते हुए मूर्ति निर्माण में अच्छी गुणवत्ता का फाइबर और पेंट का इस्तेमाल किया। मूर्ति के आभूषण गोल्ड प्लेटेड हैं। मूर्ति को ब्रिटेन में मिश्र के देवता सेखमेट और ग्रीक की एथेना के साथ प्रदर्शित किया जाएगा।
महिला सशक्तीकरण को समझने का प्रयासब्रिटिश संग्रहालय की वेबसाइट के अनुसार प्रदर्शनी के जरिये प्राचीन समय में महिला सशक्तीकरण को समझने का प्रयासा किया जाएगा।वेबसाइट में कहा गया है कि ज्ञान, जुनून और इच्छा से लेकर युद्ध, न्याय और दया तक, दुनिया भर में महिला आध्यात्मिक शक्तियों की अभिव्यक्ति हमें इस पर चिंतन करने के लिए प्रेरित करती है कि वर्तमान में हम नारीत्व और लिंग पहचान को कैसे देखते हैं।
लोगों को फिल्म भी दिखाई जाएगी : कैमडेन दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष आनंद गुप्ता ने कहा कि संग्रहालय की केट मैकस्वीनी ने देवी के हिंदू धर्म और लोगों के जीवन में महत्व को समझने के लिए उनसे संपर्क किया था। मैकस्वीनी और उनके सहयोगियों ने कैमडेन समिति की ओर से आयोजित काली पूजा को भी देखा। मैक्सवीनी की ओर से बनाई गई फिल्म भी लोगों को दिखाई जाएगी।