Vikrant Shekhawat : Jul 15, 2024, 08:28 AM
Donald Trump News: जब से देश के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर हमला हुआ है. तब से सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी की सत्ता को संभाल सकते हैं. दुनियाभर में सोशल मीडिया पर इस हमले और ट्रंप की जीत की उम्मीदों पर चर्चा हो रही है. वैसे हमारी इस चर्चा का मुख्य मुद्दा डोनाल्ड ट्रंप या उनकी जीत नहीं बल्कि बल्कि क्रिप्टोकरेंसी है और उसमें आई तेजी है.ट्रंप पर हमले के बाद जिस तरह से ट्रंप की जीत की उम्मीदें हाई हुई हैं. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में तेजी का माहौल बना हुआ है. दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत में ढाई फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिल चुका है. वहीं दूसरी वर्चुअल करेंसी में भी तेजी देखने को मिल चुकी है. टॉप 10 क्रिप्टोकरेंसीज में से 8 में तेजी देखने को मिल रही है और ये इजाफा 5 फीसदी तक का देखने को मिल रहा है.अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर क्रिप्टो मार्केट में ऐसी तेजी क्यों आ गई है? जानकारों की मानें तो ट्रंप की जीत की उम्मीदें जितनी ज्यादा हाई होंगी. उतनी तेजी के साथ क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट बढ़ेगा. डोनाल्ड ट्रंप किप्टोकरेंसीज के बड़े समर्थक माने जाते हैं. पिछले महीने खुद इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि अमेरिका में क्रिप्टो मार्केट काफी आगे बढ़ सकता है. वहीं दूसरी और अपने चुनावी कैंपेन में वह चंदे के रूप में किप्टो भी एक्सेप्ट कर रहे हैं.खास बात तो ये है कि उनके इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियों में एक हिस्सेदारी क्रिप्टोकरेंसी की भी है. ऐसे में अगर डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में फिर से लौटते हैं तो क्रिप्टोकरेंसी में एक फिर से तेजी देखने को मिल सकती है. साथ ही दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के दाम भी एक लाख डॉलर के पार पहुंच सकते हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि ट्रंप की जीत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य तय कर सकता है. आइए जरा आंकड़ों की भाषा में इसे समझने की कोशिश करते हैं.ट्रंप के टेन्योर में बिटकॉइन ने काटा था बवालअगर बात ट्रंप के टेन्योर की बात करें तो 20 जनवरी 2017 से लेकर 20 जनवरी 2021 तक दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत में करीब 40 गुना का इजाफा देखने को मिला. जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका की सत्ता पर काबिज हुए थे, यानी 20 जनवरी 2017 को बिटकॉइन के दाम 892.9 डॉलर पर थे. जोकि 20 जनवरी को 2021 के दिन जब उन्होंने अपना पद छोड़ा तो बिटकॉइन की कीमत 35,476.3 डॉलर थी. मतलब साफ है कि इस दौरान बिटकॉइन ने निवेशकों को करीब 3900 फीसदी का रिटर्न दिया. मतलब साफ है कि डोनाल्ड ट्रंप का टेन्योर क्रिप्टोकरेंसी मार्केट, बिटकॉइन या फिर किसी भी वर्चुअल करेंसी के आड़े नहीं आया.बाइडन के दौर में सिर्फ 70 फीसदी रिटर्नवहीं इसके विपरीत जो बाइडन का कार्यकाल अभी खत्म नहीं हुआ है. लेकिन इस दौरान क्रिप्टोकरेंसी मार्केट और बिटकॉइन में सिर्फ 70 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है. खास बात तो ये है कि 2021 के बाद से अब तक बिटकॉन की कीमत इसी साल मार्च महीने के मिड में 75000 डॉलर को भी पार कर गई थी.अगर उसे भी आधार मानकर चलें तो बिटकॉइन ने निवेशकों को 20 जनवरी 2021 से लाइफ टाइम हाई तक के दौरान तक करीब 114 फीसदी का ही रिटर्न दिया है. इसका मतलब है कि दोगुने से ज्यादा का ही इजाफा देखने को मिला है. इसके पीछे बाइडन सरकार की क्रिप्टोकरेंसी पर सख्ती, पॉलिसी रेट में इजाफा होने से डॉलर इंडेक्स के बढ़ने से क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों पर असर और बाकी तमाम कारणों को भी देखना जरूरी है.ट्रंप को पसंद है क्रिप्टो करेंसीट्रंप की जीत में क्रिप्टोकरेंसी का उज्ज्वल भविष्य क्यों और कैसे छिपा है? इस बात को आप ट्रंप के इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियो को देखकर भी साफ समझ सकते हैं. ब्लॉकचेन इंटेलिजेंस फर्म अरखाम की रिपोर्ट के अनुसार मई 2024 तक डोनाल्ड ट्रंप ने क्रिप्टोकरेंसी में 10 मिलियन डॉलर का निवेश किया हुआ है. ऐसे में ट्रंप की क्रिप्टोकरेंसी में मौजूदगी बिटकॉइन और बाकी वर्चुअल करेंसीज को भविष्य में और भी ज्यादा मजबूत बना सकती है.अरखाम की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप के पास मागा मेमकॉइन, ट्रंप के 579,290 होल्डिंग है. जिसकी वैल्यू 29 मई को 8.56 मिलियन डॉलर थी मौजूदा समय में ट्रंप मेमकॉइन की वैल्यू करीब 8 डॉलर है जिसमें बीते 24 घंटे में 23 फीसदी की तेजी आ चुकी है. खास बात तो ये है कि 29 मई को मेमकॉइन के दाम 14 डॉलर से ज्यादा थे.वहीं दूसरी ओर अरखाम के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप के पास 464.2 होल्डिंग है. जिसकी वैल्यू मई के आखिर में 1.79 मिलियन डॉलर थी. मौजूदा समय में इथेरियम की कीमत 3,193.73 डॉलर पर है और उसमें 1.27 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है. वहीं दूसरी ओर ट्रंप के एमवीपी मेमकॉइन भी है.मई के आखिर तक इस उसकी वैल्यूएशन 4.73 लाख डॉलर थी. मौजूदा समय में इस मेमकॉइन की कीमत 0.260 डॉलर थी, जो 17 मई को 0.709 डॉलर थी. इसका मतलब है कि इसकी भी वैल्यू में गिरावट आई है. बीते 24 घंटे में इसमें करीब 10 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है.क्या बिटकॉइन जाएगा एक लाख डॉलर के पार?अब सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा हो गया है कि क्या बिटकॉइन एक लाख डॉलर के पार जाएगा? इसकी उम्मीदें कई महीनों से लगाई जा रही है. जानकारों की मानें तो अगर डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आते हैं तो बिटकॉइन की कीमत में तेजी देखने को मिलेगी. जिसके बाद बिटकॉइन की कीमत अगले एक साल में एक लाख डॉलर को पार सकती है. हमें इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड रिजर्च मौजूदा साल में एक या दो बार ब्याज दरों में कटौती देखने को मिल सकती है. जिसका असर बिटकॉइन की कीमत में देखा जाएगा. अगले साल भी फेड दरों में 3 से 4 बार कटौती हो सकती है. वहीं अगर 20 जनवरी 2025 को सत्ता संभालते हैं कि बिटकॉइन रॉकेट बन सकता है. ऐसे में फेड और ट्रंप की मौजूदगी में बिटकॉइन के दाम एक लाख डॉलर हो सकते हैं.