Vikrant Shekhawat : Sep 15, 2024, 10:20 AM
Afro-Asia Cup: बीसीसीआई के पूर्व सचिव जय शाह हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नए चेयरमैन बने हैं। यह पद क्रिकेट की दुनिया में सर्वोच्च माना जाता है, और उनके पदभार ग्रहण करने के एक महीने के भीतर ही, शाह एक महत्वपूर्ण पहल की ओर इशारा कर रहे हैं। खबरों के अनुसार, जय शाह की अगुवाई में एफ्रो-एशिया कप की वापसी की संभावना पर चर्चा शुरू हो गई है, जो पिछले 17 वर्षों में नहीं हुआ था। यदि यह टूर्नामेंट पुनर्जीवित होता है, तो क्रिकेट प्रेमियों को एक अनूठा और अविश्वसनीय दृश्य देखने को मिल सकता है।एफ्रो-एशिया कप की ऐतिहासिक पृष्ठभूमिएफ्रो-एशिया कप की शुरुआत 2005 में हुई थी और इसके तीन संस्करण खेले जाने थे। पहले दो संस्करणों की सफलता के बावजूद, तीसरे संस्करण के लिए कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। ब्रॉडकास्टिंग समस्याओं के कारण 2007 के बाद इसे बंद कर दिया गया था। भारत ने 2007 में दूसरे संस्करण की मेजबानी की थी, और उसके बाद से यह टूर्नामेंट बंद पड़ा था।जय शाह की भूमिका और नई उम्मीदेंजय शाह के आईसीसी चेयरमैन बनने के बाद, इस टूर्नामेंट की वापसी की चर्चाएँ तेज हो गई हैं। शाह, जो पहले बीसीसीआई सचिव और एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) के प्रमुख थे, अब इस नई भूमिका में हैं। एसीसी के अध्यक्ष का पद खाली हो चुका है और खबरें हैं कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन मोहसिन नकवी को एसीसी का नया प्रमुख नियुक्त किया जा सकता है। इस बदलाव के साथ, एफ्रो-एशिया कप की संभावनाओं पर भी नई रोशनी पड़ रही है।संभावित मैच: भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी एक ही टीम में?आईसीसी के नए चेयरमैन जय शाह के नेतृत्व में, क्रिकेट प्रेमियों को एक रोमांचक दृश्य देखने को मिल सकता है। भारत और पाकिस्तान के संबंध अक्सर तनावपूर्ण रहते हैं और दोनों देश केवल आईसीसी टूर्नामेंट्स और एशिया कप में ही आमने-सामने होते हैं। लेकिन एफ्रो-एशिया कप में, इन दोनों देशों के खिलाड़ी एक ही टीम में खेल सकते हैं, जो क्रिकेट फैंस के लिए एक अविश्वसनीय अनुभव हो सकता है।एफ्रो-एशिया कप के प्रारूप के अनुसार, टूर्नामेंट में एशिया इलेवेन और अफ्रीका इलेवेन जैसी टीमों का गठन होता है। एशिया इलेवेन में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, और अन्य एशियाई देशों के खिलाड़ी शामिल हो सकते हैं, जबकि अफ्रीका इलेवेन में दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, केन्या, और अन्य अफ्रीकी देशों के खिलाड़ी हो सकते हैं। इस प्रारूप के तहत, भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी एक ही टीम में खेलते हुए नजर आ सकते हैं।एफ्रो-एशिया कप की संभावनाएँ और प्रभावयदि एफ्रो-एशिया कप फिर से शुरू होता है, तो यह न केवल क्रिकेट की दुनिया में एक महत्वपूर्ण घटना होगी, बल्कि इसमें अंडर-19 और सीनियर टीमों के मुकाबले भी कराए जा सकते हैं। यह टूर्नामेंट न केवल खिलाड़ियों के लिए एक नई चुनौती पेश करेगा, बल्कि प्रशंसकों के लिए भी एक अनूठा और रोमांचक अनुभव होगा।सुमोद दामोदर, जो बोत्सवाना क्रिकेट के हेड हैं और आईसीसी में एसोसिएट टीमों का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने खुलासा किया है कि एफ्रो-एशिया कप की वापसी पर बातचीत हो रही है। यदि यह टूर्नामेंट पुनर्जीवित होता है, तो यह क्रिकेट की दुनिया में एक नया युग प्रारंभ कर सकता है।निष्कर्षआईसीसी चेयरमैन जय शाह का एफ्रो-एशिया कप को पुनर्जीवित करने का निर्णय क्रिकेट जगत में एक नई दिशा का संकेत है। यह कदम न केवल खिलाड़ियों के बीच की प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगा, बल्कि क्रिकेट प्रेमियों को भी एक नया और रोमांचक अनुभव प्रदान करेगा। अगर यह टूर्नामेंट सफल होता है, तो यह क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।