Pilot vs Malviya / 'हां मेरे पिता ने बम गिराए थे...', सचिन पायलट का अमित मालवीय को जवाब

मणिपुर और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में आर-पार की जंग चल रही है. विपक्ष द्वारा हाल ही में मणिपुर के मसले पर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, इस बीच अब सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट और बीजेपी नेता अमित मालवीय के बीच जुबानी जंग छिड़ी है. अमित मालवीय ने आरोप लगाया था कि मिजोरम में जो बमबारी हुई थी, उसमें सचिन पायलट के पिता भी शामिल थे. अब कांग्रेस नेता ने उन्हें

Vikrant Shekhawat : Aug 16, 2023, 09:34 AM
Pilot vs Malviya: मणिपुर और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में आर-पार की जंग चल रही है. विपक्ष द्वारा हाल ही में मणिपुर के मसले पर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, इस बीच अब सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट और बीजेपी नेता अमित मालवीय के बीच जुबानी जंग छिड़ी है. अमित मालवीय ने आरोप लगाया था कि मिजोरम में जो बमबारी हुई थी, उसमें सचिन पायलट के पिता भी शामिल थे. अब कांग्रेस नेता ने उन्हें करारा जवाब दिया है.

दरअसल, अमित मालवीय ने 13 अगस्त को एक ट्वीट किया. अमित मालवीय ने दावा किया कि 5 मार्च, 1966 को मिजोरम की राजधानी आइज़वाल में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर बमबारी हुई थी. राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी उस वक्त वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे, जिनसे बम फेंके गए थे. बाद में दोनों ही कांग्रेस के टिकट पर सांसद और फिर मंत्री बने. बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि नॉर्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर बमबारी करने वालों को राजनीति में सम्मान दिया.

‘हां मेरे पिता ने बम गिराए थे…’

अमित मालवीय के इस दावे का सचिन पायलट ने करारा जवाब दिया. सचिन पायलट ने कागज दिखाते हुए ट्विटर पर लिखा कि उनके पिता राजेश पायलट 29 अक्टूबर 1966 को वायुसेना में कमीशन हुए थे, ऐसे में 5 मार्च 1966 को बमबारी का जो दावा किया जा रहा है कि वह पूरी तरह से तथ्यहीन है. सचिन पायलट ने बताया कि 80 के दशक में मिजोरम में युद्ध विराम करवाने और शांति संधि करवाने में उनके पिता ने अहम रोल अपनाया था.

सचिन पायलट ने ये भी दावा किया कि बतौर एयरफोर्स पायलट मेरे पिता ने बम जरूर गिराए थे, लेकिन वो पूर्वी पाकिस्तान में थे जब भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 का युद्ध हुआ था, यानी आपका मिजोरम को लेकर जो दावा है वह पूरी तरह से गलत है.

दरअसल, मिजोरम का यह मसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान दिए भाषण के बाद उठा है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि मिजोरम में कांग्रेस ने अपने ही नागरिकों पर वायुसेना से हमला करवाया था, क्या मिजोरम के लोग हमारे देश के नागरिक नहीं थे. आज भी 5 मार्च को मिजोरम में शोक दिवस मनाया जाता है. मणिपुर पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने यह हमला किया था, जिसके बाद से ही बीजेपी-कांग्रेस के बीच तकरार चल रही है.