Trump-Zelenskyy Conflict / जेलेंस्की के लंदन पहुंचते ही नरम पड़े तेवर, बोले- ट्रंप का आभारी हूं

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का रुख अचानक बदला नजर आया। व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से तीखी बहस के कुछ दिनों बाद लंदन पहुंचे जेलेंस्की ने अमेरिका के समर्थन की सराहना की। उन्होंने ट्रंप, कांग्रेस और अमेरिकी जनता का आभार जताया, इसे कूटनीतिक कदम माना जा रहा है।

Trump-Zelenskyy Conflict: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के हालिया बयानों में अप्रत्याशित परिवर्तन देखा गया है। व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से तीखी बहस के कुछ ही दिनों बाद, जब वे लंदन पहुंचे, तो उनका रुख नरम नजर आया। उन्होंने न केवल अमेरिका के समर्थन की सराहना की, बल्कि ट्रंप का भी आभार व्यक्त किया।

अमेरिका के प्रति जेलेंस्की का आभार

लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान जेलेंस्की ने स्पष्ट रूप से कहा कि यूक्रेन अमेरिका द्वारा मिले हर तरह के समर्थन के लिए आभारी है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप, कांग्रेस और अमेरिकी जनता का धन्यवाद किया, विशेष रूप से इन तीन वर्षों के दौरान जब रूस के साथ युद्ध अपने चरम पर रहा। यह बदला हुआ रुख अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।

अमेरिका-यूक्रेन संबंधों पर जेलेंस्की की सफाई

व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ हुई नोकझोंक के बाद यह बयान चौंकाने वाला था। पहले दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी मदद को लेकर तनाव था, लेकिन अब जेलेंस्की उसी समर्थन के लिए ट्रंप का धन्यवाद कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और यूक्रेन का संबंध केवल दो नेताओं का नहीं, बल्कि दो देशों के बीच ऐतिहासिक और मजबूत रिश्ता है। यही कारण है कि वे अमेरिकी जनता के प्रति हमेशा आभार प्रकट करते रहेंगे।

मानवाधिकारों और सहयोग पर जोर

जेलेंस्की ने इस दौरान मानवाधिकारों और सहयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन अमेरिका के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना चाहता है और उन्हें विश्वास है कि भविष्य में यह संबंध और अधिक प्रगाढ़ होंगे।

अमेरिका में यूक्रेनी समुदाय से मुलाकात

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ट्रंप से मुलाकात से पहले वॉशिंगटन डीसी में ‘यूक्रेन हाउस’ का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वहां रह रहे यूक्रेनी समुदाय से मुलाकात की और कहा कि यूक्रेन के संघर्ष को वैश्विक स्तर पर उठाना आवश्यक है ताकि दुनिया इसे न भूले। उन्होंने जोर दिया कि न केवल युद्ध के दौरान बल्कि उसके बाद भी यूक्रेन के हितों का प्रतिनिधित्व किया जाना चाहिए।

क्या यह कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि जेलेंस्की का यह बदला हुआ रुख कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकता है। अमेरिका यूक्रेन का प्रमुख सहयोगी रहा है और जेलेंस्की इस समर्थन को बरकरार रखना चाहते हैं। व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ हुई गर्मागर्म बहस के बावजूद, उनका यह नरम रवैया यह संकेत देता है कि यूक्रेन अमेरिका के साथ अपने संबंधों को किसी भी परिस्थिति में कमजोर नहीं होने देना चाहता।

निष्कर्ष: यूक्रेन और अमेरिका के संबंधों में हालिया घटनाएं यह दर्शाती हैं कि वैश्विक राजनीति में कूटनीतिक संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। जेलेंस्की की बदली हुई भाषा यह दर्शाती है कि वे अमेरिकी समर्थन को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह रणनीति यूक्रेन-अमेरिका संबंधों को किस दिशा में ले जाती है।