जयपुर | अलवर के राजकीय गीतानंद शिशु चिकित्सालय में वार्मर में आग लगने से 15 दिन की मासूम की जलने से मौत मामले में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। सरकार की ओर से कराई जा रही जांच में प्रारंभिक रूप से सामने आया है कि जनवरी 2019 से वार्मर का बटन खराब था। इसमें कई बार धुआं देखा गया। स्विच महज 250 रु. का था, लेकिन डाॅक्टर महेश शर्मा व मेडिकल आॅफिसर कृपालसिंह ने एक साल से यह राशि जारी नहीं की। वे आपस में लड़ते रहे। इस बीच, 31 दिसंबर को स्विच में शॉर्ट सर्किट से वार्मर में आग लग गई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के एसीएस रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के लेवल पर जांच कमेटी से फाइनल रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। डाॅक्टर महेश शर्मा और मेडिकल आॅफिसर कृपालसिंह को सस्पेंड किया गया है। इलेक्ट्रीशियन सहित छह को हटाया है। ढाई सौ रुपए के स्विच के लिए बरती गई यह लापरवाही गंभीर है। उल्लेखनीय है कि राजकीय गीतानंद शिशु हॉस्पिटल के एफबीएनसी वार्ड के बेबी-वार्मर में आग लगने से धुआं भर गया। 14 बच्चे को जैसे-तैसे बचाया गया, लेकिन वार्मर में लेटी 15 दिन की नवजात की जलने से मौत हो गई।