देश / बिजली गिरने से प. बंगाल में 26 लोगों की मौत, पीएम ने की ₹2 लाख के मुआवज़े की घोषणा

पश्चिम बंगाल के 5 ज़िलों में सोमवार को आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 26 लोगों की मौत हो गई। हुगली में 11, मुर्शीदाबाद में 9 और बांकुरा, पूर्व मिदनापुर तथा पश्चिम मिदनापुर में 2-2 लोगों की मौत हुई है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजन के लिए ₹2 लाख की अनुग्रह राशि को मंज़ूरी दी है।

Vikrant Shekhawat : Jun 08, 2021, 12:23 PM
मिदनापुर: पश्चिम बंगाल में बिजली गिरने से बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में अलग-अलग जिलों में कुल 26 लोगों की मौत हो गई। हुगली में 11, मुर्शीदाबाद में 9, बांकुरा में 2, और ईस्ट मिदनापुर तथा वेस्ट मिदनापुर में 2-2 लोगों की मौत आकाशीय बिजली गिरने की वजह से हो गई। कुछ लोगों के घायल होने की भी खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में बिजली गिरने के कारण हुई मौतों पर सोमवार को शोक जताया। प्रधानमंत्री ने घटना में मारे गए लोगों के परिजन के लिए दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि को भी मंजूरी दी।

पश्चिम बंगाल आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिण बंगाल के तीन जिलों में सोमवार को बिजली गिरने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ''पश्चिम बंगाल में बिजली गिरने से मरने वालों के परिवार एवं रिश्तेदारों से मेरी संवेदना। घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ''पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्से में बिजली गिरने से लोगों के मरने की घटना काफी दुखदायी है। मृतकों के परिजन से मेरी संवेदना। घायल लोगों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करता हूं।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्से में बिजली गिरने से मरने वालों के परिवार के लिए पीएमएनआरएफ से दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मंजूरी दी है। घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे।

पश्चिम बंगाल में इस मौसम में अचानक से तेज आंधी और बारिश होती है जिसे काल बैसाखी कहा जाता है। हर साल ही काल बैसाखी के दौरान बिजली गिरने या पेड़ गिरने या फिर करंट लगने की घटना अमूमन होती है। मौसम विभाग के मुताबिक कोलकाता और उसके आसपास तेज आंधी के दौरान हवा का झोंका लगभग 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी चला जो 2 मिनट तक रहा।