News18 : Dec 25, 2019, 05:04 PM
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) में मंत्री नितिन राउत (Nitin Raut) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह मजदूरी बचाने के लिए गन्ना श्रमिक महिलाओं (Sugarcane Labor Women) द्वारा अपना गर्भाशय (Uterus) निकलवाने की घटनाओं पर रोक लगाने की खातिर मामले में हस्तक्षेप करें।नितिन राउत (Nitin Raut) का कहना है कि मध्य महाराष्ट्र (Maharashtra) के मराठवाड़ा क्षेत्र (Marathwada Area) में बड़ी संख्या में गन्ना श्रमिक (Sugarcane Labor) हैं जिनमें खासी संख्या महिलाओं की है।
क्या है वजह
मुख्यमंत्री को मंगलवार को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि माहवारी (Menstruation) के दिनों में बड़ी संख्या में महिला मजदूर काम नहीं करती हैं। काम से अनुपस्थित (Absent) रहने के कारण उन्हें मजदूरी नहीं मिलती है। ऐसे में पैसों की हानि से बचने के लिए महिलाएं अपना गर्भाशय ही निकलवा दे रही हैं, ताकि माहवारी ना हो और उन्हें काम से छुट्टी ना करनी पड़े।कांग्रेस (Congress) नेता राउत का कहना है कि ऐसी महिलाओं की संख्या करीब 30,000 है। राउत का कहना है कि गन्ने का सीजन छह महीने का होता है। इन महीनों में अगर गन्ना पेराई फैक्टरियां प्रति महीने चार दिन की मजदूरी देने को राजी हो जाएं तो इस समस्या का समाधान निकल सकता है।मंत्री ने किया ये अनुरोध
कांग्रेस नेता राउत ने अपने पत्र में ठाकरे से अनुरोध किया है कि वह मानवीय आधार पर मराठवाड़ा क्षेत्र की इन गन्ना महिला मजदूरों की समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभाग (Concerned Departments) को आदेश दें।नितिन राउत के पास पीडब्ल्यूडी (PWD), आदिवासी मामले, महिला एवं बाल विकास, कपड़ा, राहत एवं पुनर्वास मंत्रालय विभाग हैं। महाराष्ट्र की ठाकरे नीत गठबंधन सरकार में शिवसेना (Shiv Sena) के अतिरिक्त कांग्रेस और राकांपा (NCP) भी शामिल हैं।
क्या है वजह
मुख्यमंत्री को मंगलवार को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि माहवारी (Menstruation) के दिनों में बड़ी संख्या में महिला मजदूर काम नहीं करती हैं। काम से अनुपस्थित (Absent) रहने के कारण उन्हें मजदूरी नहीं मिलती है। ऐसे में पैसों की हानि से बचने के लिए महिलाएं अपना गर्भाशय ही निकलवा दे रही हैं, ताकि माहवारी ना हो और उन्हें काम से छुट्टी ना करनी पड़े।कांग्रेस (Congress) नेता राउत का कहना है कि ऐसी महिलाओं की संख्या करीब 30,000 है। राउत का कहना है कि गन्ने का सीजन छह महीने का होता है। इन महीनों में अगर गन्ना पेराई फैक्टरियां प्रति महीने चार दिन की मजदूरी देने को राजी हो जाएं तो इस समस्या का समाधान निकल सकता है।मंत्री ने किया ये अनुरोध
कांग्रेस नेता राउत ने अपने पत्र में ठाकरे से अनुरोध किया है कि वह मानवीय आधार पर मराठवाड़ा क्षेत्र की इन गन्ना महिला मजदूरों की समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभाग (Concerned Departments) को आदेश दें।नितिन राउत के पास पीडब्ल्यूडी (PWD), आदिवासी मामले, महिला एवं बाल विकास, कपड़ा, राहत एवं पुनर्वास मंत्रालय विभाग हैं। महाराष्ट्र की ठाकरे नीत गठबंधन सरकार में शिवसेना (Shiv Sena) के अतिरिक्त कांग्रेस और राकांपा (NCP) भी शामिल हैं।