Rajasthan Political Crisis / बसपा विधायकों के कांग्रेस में जाने पर हाईकोर्ट से स्टे मिलेगा या नहीं, इस पर 11 अगस्त को फैसला

राजस्थान की सियासी उठापटक के बीच बसपा विधायकों के मामले में हाईकोर्ट ने कहा है कि विधायकों को नोटिस जारी किए जाएंगे। 8 अगस्त तक नोटिसों की तामील करवाने की जिम्मेदारी जैसलमेर जिला जज को दी गई है। गहलोत गुट के विधायक जैसलमेर में बाड़ेबंदी में हैं। बसपा से कांग्रेस में गए 6 विधायक भी उनमें शामिल हैं। इस पर 11 अगस्त को सुनवाई होगी।

Vikrant Shekhawat : Aug 06, 2020, 03:12 PM

राजस्थान की सियासी उठापटक के बीच बसपा विधायकों के मामले में हाईकोर्ट ने कहा है कि विधायकों को नोटिस जारी किए जाएंगे। 8 अगस्त तक नोटिसों की तामील करवाने की जिम्मेदारी जैसलमेर जिला जज को दी गई है। गहलोत गुट के विधायक जैसलमेर में बाड़ेबंदी में हैं। बसपा से कांग्रेस में गए 6 विधायक भी उनमें शामिल हैं। इस मामले में भाजपा विधायक मदन दिलावर और खुद बसपा ने भी हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील की थी।

सिंगल बेंच में 11 अगस्त को फिर बहस होगी
दिलावर और बसपा ने बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने और इसके लिए स्पीकर की मंजूरी के आदेश को सिंगल बेंच में भी चुनौती दे रखी है। इस पर 11 अगस्त को सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर, सचिव और बसपा के 6 विधायकों से जवाब मांगा था। बसपा ने अपील की है कि जब तक मामला कोर्ट में रहे तब तक 6 विधायकों को फ्लोर टेस्ट में किसी के पक्ष में वोट नहीं डालने दिया जाए।

900 करोड़ के घोटाले के केस में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राहत
इस मामले में हाईकोर्ट ने एडीजे कोर्ट के आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी। एडीजे कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट को आदेश दिया था कि घोटाले में शेखावत पर लगे आरोपों की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) से जांच करवाई जाए।

संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसायटी के 900 करोड़ रुपए के घोटाले में शेखावत पर आरोप हैं कि सोसायटी की बड़ी रकम शेखावत और उनके परिवार की कंपनियों में ट्रांसफर की गई। गजेंद्र सिंह शेखावत और संजीवनी सोसायटी के फाउंडर विक्रम सिंह एक समय प्रॉपर्टी के बिजनेस में पार्टनर रहे थे। हालांकि, घोटाला सामने आने से काफी पहले ही दोनों अलग हो गए थे।