Vikrant Shekhawat : Sep 08, 2020, 07:58 PM
जयपुर | मानवीय संवेदना और आमजन की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार और चिकित्सा विभाग ने कोविड संक्रमित मरीजों की मौत के बाद उनकी देह को परिजनों को सौंपने और पूरे मेडिकल प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार करवाने के निर्देश दिए हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि सरकार सजग और सतर्क होने के साथ संवदेनशील भी है। आमजन की मंशा को जानकर मुख्यमंत्री ने कोविड संक्रमितों की देह को उनके परिजनों को सौंपने और पूर्ण सावधानी के साथ अंतिम संस्कार करवाने के निर्देश विभाग को दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी का प्रसार देश भर में तेजी से हो रहा है, ऎसे में आमजन को पूर्ण सावधानी बरतनी होगी। भावनात्मक रूप से बरती गई कोई भी लापरवाही आमजन के लिए घातक परेशानी का कारण बन सकती है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार कोविड का संक्रमण ड्रॉपलेट्स के जरिए होता है, यदि मृतक देह को निर्धारित प्रोटोकॉल के साथ समुचित सावधानियां अपनाते हुए संभाला जाए तो मृतक देह से कोविड संक्रमण के फैलने के कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक मृतक की कोविड जांच करवाना जरूरी नहीं है। उसी व्यक्ति की कोविड-19 जांच की जाए जिनकी मृत्यु आईएलआई या एसएआरआई लक्षण से हुई हो। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट की इंतजार में बिना भी मृतक का देह परिजनों को दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक मृतक का शव परीक्षण (पोस्टमार्टम) करना भी जरूरी नहीं है। यदि किन्हीं विशेष कारणों से शव परीक्षण किया जाए तो संक्रमण को रोकने के लिए विशेष रूप से भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की पालना के अनुसार किया जाए।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि देह लेने के बाद पूरे प्रोटोकॉल के अनुसार पारदर्शी बैग में संबंधित मरीज की जानकारी अंकित कर परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक श्मशान या कब्रिस्तान ले जाने के लिए स्वतंत्र होंगे। उन्होंने बताया कि मृतक देह की सूचना के बारे में भी परिजनों को ही जिला प्रशासन को सूचित करना होगा। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति कोविड से ग्रसित व्यक्ति की देह नहीं लेना चाहते तो अस्पताल और स्थानीय निकाय द्वारा उनका अंतिम संस्कार करवाया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मृतक के अंतिम दर्शन का भी प्रोटोकॉल तय किया गया। उन्होंने कहा कि भावनाओं में बहकर शव को छूना, लिपटना, चूमना प्रतिबंधित रहेगा। अंतिम संस्कार में 20 व्यक्तियों से ज्यादा नहीं होने चाहिए। उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के दौरान पीपीई किट, दस्ताने, मास्क, सामाजिक दूरी सहित अन्य प्रोटोकॉल की पूर्णतया पालना करना आवश्यक है। मृतक देह को एक जिले से दूसरे जिले में ले जाने के लिए किसी अनुमति की आवश्कता नहीं होगी। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि अंतिम संस्कार के दौरान किसी भी प्रकार की असावधानी नहीं बरतें। अन्यथा यह बड़ी परेशानी की वजह बन सकती है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि सरकार सजग और सतर्क होने के साथ संवदेनशील भी है। आमजन की मंशा को जानकर मुख्यमंत्री ने कोविड संक्रमितों की देह को उनके परिजनों को सौंपने और पूर्ण सावधानी के साथ अंतिम संस्कार करवाने के निर्देश विभाग को दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी का प्रसार देश भर में तेजी से हो रहा है, ऎसे में आमजन को पूर्ण सावधानी बरतनी होगी। भावनात्मक रूप से बरती गई कोई भी लापरवाही आमजन के लिए घातक परेशानी का कारण बन सकती है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार कोविड का संक्रमण ड्रॉपलेट्स के जरिए होता है, यदि मृतक देह को निर्धारित प्रोटोकॉल के साथ समुचित सावधानियां अपनाते हुए संभाला जाए तो मृतक देह से कोविड संक्रमण के फैलने के कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक मृतक की कोविड जांच करवाना जरूरी नहीं है। उसी व्यक्ति की कोविड-19 जांच की जाए जिनकी मृत्यु आईएलआई या एसएआरआई लक्षण से हुई हो। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट की इंतजार में बिना भी मृतक का देह परिजनों को दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक मृतक का शव परीक्षण (पोस्टमार्टम) करना भी जरूरी नहीं है। यदि किन्हीं विशेष कारणों से शव परीक्षण किया जाए तो संक्रमण को रोकने के लिए विशेष रूप से भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की पालना के अनुसार किया जाए।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि देह लेने के बाद पूरे प्रोटोकॉल के अनुसार पारदर्शी बैग में संबंधित मरीज की जानकारी अंकित कर परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक श्मशान या कब्रिस्तान ले जाने के लिए स्वतंत्र होंगे। उन्होंने बताया कि मृतक देह की सूचना के बारे में भी परिजनों को ही जिला प्रशासन को सूचित करना होगा। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति कोविड से ग्रसित व्यक्ति की देह नहीं लेना चाहते तो अस्पताल और स्थानीय निकाय द्वारा उनका अंतिम संस्कार करवाया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मृतक के अंतिम दर्शन का भी प्रोटोकॉल तय किया गया। उन्होंने कहा कि भावनाओं में बहकर शव को छूना, लिपटना, चूमना प्रतिबंधित रहेगा। अंतिम संस्कार में 20 व्यक्तियों से ज्यादा नहीं होने चाहिए। उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के दौरान पीपीई किट, दस्ताने, मास्क, सामाजिक दूरी सहित अन्य प्रोटोकॉल की पूर्णतया पालना करना आवश्यक है। मृतक देह को एक जिले से दूसरे जिले में ले जाने के लिए किसी अनुमति की आवश्कता नहीं होगी। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि अंतिम संस्कार के दौरान किसी भी प्रकार की असावधानी नहीं बरतें। अन्यथा यह बड़ी परेशानी की वजह बन सकती है।