बिज़नेस / महंगाई पर अंकुश के लिए मोदी सरकार की चौतरफा तैयारी

महंगाई पर अंकुश के लिए सरकार ने चौतरफा तैयारी तेज कर दी है। इसमें सरकार को रिजर्व बैंक से भी सहयोग मिल रहा है। पिछले दिनों पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाने और कोकिंग कोयला समेत अन्य जिसों पर आयात शुल्क पर राहत देने के बाद अब सरकार खाने-पीने की चीजों जैसे खाद्य तेलों पर शुल्क में कटौती की संभावना तलाश रही है।

Vikrant Shekhawat : May 25, 2022, 08:00 AM
New Delhi : महंगाई पर अंकुश के लिए सरकार ने चौतरफा तैयारी तेज कर दी है। इसमें सरकार को रिजर्व बैंक से भी सहयोग मिल रहा है। पिछले दिनों पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाने और कोकिंग कोयला समेत अन्य जिसों पर आयात शुल्क पर राहत देने के बाद अब सरकार खाने-पीने की चीजों जैसे खाद्य तेलों पर शुल्क में कटौती की संभावना तलाश रही है। मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसके अलावा सरकार उद्योगों को राहत देकर आम आदमी तक सस्ती सामान उपलब्ध कराने के उपायों पर भी विचार कर रही है।

वहीं  सरकार ने सालाना 20-20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात पर सीमा शुल्क तथा कृषि अवसंरचना उपकर को मार्च, 2024 तक हटाने की घोषणा की है। वित्त मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार सालाना 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में आयात शुल्क नहीं लगाया जाएगा। सरकार का मानना है आयात शुल्क में इस छूट से घरलू कीमतों में नरमी आएगी और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

विश्लेषकों का कहना है कि पिछले दिनों ईंधन पर कर में कटौती और लोहा, इस्पात, कोयला, प्लास्टिक और सीमेंट की कीमतों को कम करने के उपायों से खुदरा महंगाई कम हो सकती है। उनका कहना है कि मई में खुदरा महंगाई दर घटकर 6.5-7.3 फीसदी रहने की संभावना है। इसके अलावा जून के बाद महंगाई में 0.40 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में आठ साल के उच्च स्तर 7.79% पर पहुंच गई। नोमुरा के विश्लेषकों का कहना है कि निश्चित तौर पर ईंधन कर में कटौती का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष असर निकट भविष्य में महंगाई पर पड़ेगा और इसमें 0.30 से 0.40 तक कमी आने की संभावना है।