कोरोना संक्रमण / सीएम गहलोत बोले, कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा एन्टीजन टेस्ट नहीं, आरटी-पीसीआर से ही करें कोरोना जांच

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण की जांच के लिए एन्टीजन आधारित रेपिड टेस्ट की बजाय आरटी-पीसीआर जैसे भरोसेमन्द टेस्ट किट से ही जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता की जिन्दगी और मौत के सवाल पर सस्ते एन्टीजन टेस्ट किट का इस्तेमाल नहीं करेगी, क्योंकि विशेषज्ञों ने इस किट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।

Vikrant Shekhawat : Aug 09, 2020, 06:53 PM
जयपुर | मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण की जांच के लिए एन्टीजन आधारित रेपिड टेस्ट की बजाय आरटी-पीसीआर जैसे भरोसेमन्द टेस्ट किट से ही जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता की जिन्दगी और मौत के सवाल पर सस्ते एन्टीजन टेस्ट किट का इस्तेमाल नहीं करेगी, क्योंकि विशेषज्ञों ने इस किट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। 

गहलोत ने राजस्थान में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिए कि प्रदेश में कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थैरेपी को बड़े स्तर पर अपनाया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके मरीजों को प्लाज्मा डोनेशन के लिए प्रेरित करने के लिए पूरे प्रदेश में आंदोलन के रूप में अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस महामारी से लोगों का जीवन बचाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्लाज्मा थैरेपी को थीम बनाकर काम करना होगा। 

कोरोना के प्रति गंभीरता में कमी की धारणा चिंताजनक

मुख्यमंत्री ने आम लोगों के बीच बन रही इस धारणा पर चिंता जाहिर की कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में कोई ढिलाई आ गई है। उन्होंने अधिकारियों को कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरी सर्तकता और सख्ती बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में किसी गंभीर स्थिति का सामना करने से पहले ही हमें आम लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक करना होगा तथा हर संक्रमित व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। 

प्रदेश में मृत्युदर में कमी बड़ी उपलब्धि 

बैठक में अवगत कराया गया कि प्रदेश में कोरोना से मृत्युदर 1.53 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 2.1 प्रतिशत से काफी कम है। श्री गहलोत ने मृत्युदर को और अधिक घटाने के लक्ष्य पर काम करने का सुझाव दिया और कहा कि संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ने के बावजूद यदि मृत्युदर नियंत्रित रहती है, तो यह बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने कोरोना से होने वाली सभी मौतों का जिलेवार ऑडिट कर विभिन्न जिला अस्पतालों और छोटे शहरों में कोरोना के इलाज कर रहे डॉक्टरों को इलाज के लिए विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए प्रोटोकॉल के बारे में प्रशिक्षित करने का सुझाव दिया। 

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक अपराध एमएल लाठर, अति. मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण श्रीमती वीनू गुप्ता, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अति. मुख्य सचिव खान सुबोध अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।