Vikrant Shekhawat : Jul 14, 2021, 07:20 AM
मुंबई: सभी की निगाहें पिछले सप्ताह विंबलडन में पुरुष एकल फाइनल में नोवाक जोकोविच पर रही होंगी क्योंकि उन्होंने एक और ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था, लेकिन बम्बई उच्च न्यायालय के लिए असली नजारा बिना मास्क के दर्शकों से भरा स्टेडियम था।यह सवाल करते हुए कि भारत इस स्तर की सामान्य स्थिति की वापसी कब देखेगा, अदालत ने कहा कि ‘‘सभी का टीकाकरण’’ इसके लिए महत्वपूर्ण है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की एक खंडपीठ महाराष्ट्र में कोविड-19 महामारी की स्थिति और संभावित तीसरी लहर का सामना करने के लिए राज्य सरकार की तैयारियों को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।उच्च न्यायालय ने महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी से कहा, ‘‘विंबलडन फाइनल इस साल का नजारा था। हमें नहीं पता कि क्या आपने इसे देखा है, लेकिन एक भी व्यक्ति ने मास्क नहीं पहना हुआ था।’’न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था और एक अकेली महिला को छोड़कर किसी और ने मास्क नहीं पहना हुआ था। एक भारतीय क्रिकेटर भी मौजूद था और वह भी बिना मास्क के था।’’अदालत ने कहा, ‘‘भारत ऐसी स्थिति कब देखेगा? सभी का टीकाकरण इसके लिए महत्वपूर्ण है।’’ अदालत ने कहा कि कुछ राज्यों में महामारी की तीसरी लहर कथित तौर पर आ गई है।न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘ऐसी खबरें हैं कि पूर्वोत्तर के दो राज्यों में तीसरी लहर शुरू हो गई है। हमें उपाय करने होंगे।’’न्यायाधीशों ने कहा कि ‘‘हम अभी अधिक सहज स्थिति में हैं लेकिन हमें रक्षोपाय कम नहीं करने चाहिए।’’न्यायाधीशों ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र में सामने आये कोरोना वायरस के डेल्टा-प्लस प्रकार के उपचाराधीन मामलों के बारे में खबरें पढ़ी हैं और राज्य को संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कार्य करना चाहिए।उच्च न्यायालय अगले तीन सप्ताह के बाद जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।