जयपुर / बेटी बचाओ—बेटी पढ़ाओ में राजस्थान की हैट्रिक

राजस्थान के लिए यह बड़ी खुशखबरी है कि लगातार तीसरे वर्ष राजस्थान को इस वर्ष में पुरस्कार मिल रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा— एनजीओ फील्ड में काम करके दिखाएं, राज्य को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ में लगातार तीसरे वर्ष प्रथम पुरस्कार मिलेगा।

Vikrant Shekhawat : Aug 28, 2019, 02:23 PM
जयपुर | महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा है कि गैर सरकारी संस्थान(एनजीओ) फील्ड में प्रभावी तरह से कार्य कर लक्षित वर्ग को लाभान्वित करें। उन्होंने कहा कि प्रस्तुतिकरण और पेपर वर्क तो सभी एनजीओ बहुत अच्छा करते हैं किन्तु उसका फील्ड में प्रभाव उस स्तर पर नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि यदि एनजीओ इस ओर ध्यान देकर जमीनी स्तर पर अपनी योजनाओं को अमली जामा पहनाएं तो अपेक्षित परिणाम प्राप्त् हो सकते हैं।
श्रीमती भूपेश ने मंगलवार को महिला अधिकारिता विभाग में महिला एवं बाल विकास की योजनाओं से जुड़े गैर सरकारी संस्थाओं के साथ आयोजित  बैठक को सम्बोधित करते हुए उक्त विचार व्यक्त किए। 
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने आयुक्त महिला अधिकारिता विभाग पी.सी. पवन तथा निदेशक समेकित बाल विकास सेवाएं सुषमा अरोड़ा की उपस्थिति में आयोजित बैठक में कहा कि कई एनजीओ अच्छा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग लगातार अच्छा कार्य कर रहा है जिसके चलते राष्ट्रीय पोषण मिशन में राज्य को प्रथम पुरस्कार मिला है। वहीं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ में भी राज्य को आगामी 6 सितम्बर को लगातार तीसरे वर्ष प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
भूपेश ने कहा कि जो एनजीओ अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे उनके साथ एमओयू को बीच में भी समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन एनजीओ का बेहतरीन प्रदर्शन होगा उनके एमओयू की अवधि को आगे के लिए बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एनजीओ सीएसआर एक्टीविटीज को ज्यादा प्रभावी तरह से निष्पादित करें। उन्होंने कहा कि एनजीओ द्वारा केवल आंगनबाड़ी में रंगरोगन ही न करवाया जाए वरन भवन निर्माण में भी सहयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य को सीएसआर फण्ड ज्यादा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अच्छा सहयोग प्रदान करने वाले संस्थानों को सम्मानित करने की भी योजना है। 
इस अवसर पर आयुक्त महिला अधिकारिता पी.सी.पवन ने विभागीय उपलब्धियों की जानकारी दी। वहीं निदेशक समेकित बाल विकास सेवाएं श्रीमती सुषमा अरोड़ा ने बताया कि पिछले वर्ष तक हमारे लिए पोषण त्यौहार था , लेकिन इस वर्ष पोषण व्यवहार है। उन्होंने कहा कि हम आंगनबाड़ियों को एक्टीविटी केन्द्र और वाइब्रन्ट बनाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि हम पोषण माह और आंगनबाड़ी अभियान चलायेंगे।