Vikrant Shekhawat : Dec 31, 2020, 12:11 PM
- जयपुर के बस्सी इलाके में 27 दिसंबर को हुई थी वारदात, 30 को पकड़े गए थे दो कातिल
जयपुर में बस्सी इलाके में 27 दिसंबर को एक युवक के ब्लाइंड मर्डर केस में डाॅग स्क्वाॅयड टीम के खोजी कुत्ते ने पुलिस को कातिल के घर तक पहुंचाया। इस अहम सुराग के मिलने के बाद पुलिस ने हत्यारोपी और उसके नाबालिग साथी को गिरफ्त में ले लिया। वे तीन दिन के रिमांड पर है। उनसे पूछताछ चल रही है।
27 दिसंबर को मिली थी श्मशान घाट में बने मंदिर में लाश:
27 दिसंबर को बस्सी इलाके में गोनेर रोड पर श्मशान घाट में एक मंदिर के चबूतरे पर युवक का शव पुलिस को मिला था। पूछताछ में पता चला कि मृतक का नाम रामावतार उर्फ भगवान था। वह बिहार का रहने वाला था। लंबे वक्त से बस्सी रिको एरिया में मजदूरी करता था।
पूछताछ में यह भी बताया कि 27 दिसंबर की शाम को ही उसे दो व्यक्तियों के साथ शराब पीते देखा गया था। तब पुलिस के लिए सबसे बड़ी पहेली यह थी कि वे दोनों लोग कौन हैं? उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी। तब मौके पर पहुंची बस्सी पुलिस ने एफएसएल और डॉग स्क्वायड टीम को घटनास्थल पर बुलाया।
खोजी कुत्ते ने पुलिस को 2 किलोमीटर दूर कातिल के घर तक पहुंचाया:
बस्सी एसीपी सुरेश सांखला ने बताया कि डॉग स्क्वायड के खोजी कुत्ते ने घटनास्थल पर पड़ी मिली जूतियों व बिखरे खून को सूंघा। इसके बाद वह चबूतरे पर पड़े शव के पास पहुंचा। वहां से सूंघने के बाद डॉग पुलिस टीम को बस्सी के नए रीको एरिया में जाने वाले रास्ते से होते हुए रीको एरिया में पहुंच गया।
यह जगह घटनास्थल से करीब 2 किलोमीटर दूर थी। वहां खाेजी कुत्ता ईंटों के टीनशेड से बने घर के सामने जाकर रुक गया और बंद पड़े दरवाजे का ताला सूंघना शुरू कर दिया। संदेह होने पर पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की तो सामने आया कि वह घर सूरज उर्फ सूर्या लुहार का है। तब पुलिस ने सूरज की तलाश शुरू कर दी।
मोबाइल कॉल लोकेशन से पकड़ा गया सूरज:
इसके बाद सायबर सेल प्रभारी हेडकांस्टेबल प्रद्युमन शर्मा ने सूरज को मोबाइल फोन की लोकेशन को ट्रैक किया। इसमें उसके बगरु में होने का पता चला। तब बस्सी थानाप्रभारी सोहनलाल के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने उसे लुहार को बगरु इंडस्ट्रीयल एरिया और उसके नाबालिग साथी को बस्सी में राजाधोक टोल प्लाजा से पकड़ लिया।
लात मारने का बदला लेने के लिए पैर तोड़कर की थी हत्या:
एडिशनल डीसीपी मनोज चौधरी ने बताया कि मृतक रामावतार, आरोपी सूरज लुहार और उसके नाबालिग साथी ने 27 दिसंबर को साथ बैठकर शराब पी। इस दौरान एक और शराब की बोतल खरीदने के लिए रामावतार से रुपए मांगे तो उसने इंकार कर दिया। कहासुनी होने पर रामावतार ने सूरज को लात मार दी। इसका बदला लेने के लिए सूरज ने श्मशान घाट में पड़ी मोटी लकड़ी से ताबड़तोड़ वार करके रामावतार का पैर तोड़कर जख्मी कर दिया। उसे घसीटते हुए मंदिर के चबूतरे पर पटक दिया। जहां उसकी मौत होने पर फरार हो गए।