Vikrant Shekhawat : Dec 31, 2020, 04:20 PM
- 25 दिसंबर से लगातार कौओं की मौत हो रही है
- जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं कौओं के सैंपल
राजस्थान में जोधपुर के बाद झालावाड़ में भी बड़ी संख्या में कौओं की मौत का मामला सामने आया है। झालावाड़ में एवियन इन्फ्लूएंजा (एक तरह का बर्ड फ्लू) से कौओं की मौत की पुष्टि के बाद राज्य में पोल्ट्री फार्म का बिजनेस करने वालों में हड़कंप मचा है। झालावाड़ जिला प्रशासन ने राड़ी के बालाजी क्षेत्र में बुधवार देर रात एक किलोमीटर क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया है।
बालाजी क्षेत्र में ही 25 दिसंबर से लगातार कौओं की मौत हो रही है। यहां 100 से ज्यादा कौओं की मौत हो चुकी है। जबकि बड़ी संख्या में कौए बीमार हैं। फिलहाल, प्रशासन ने यह नहीं बताया कि कितने कौओं की अब तक मौत हुई है। कौओं के सैंपल जांच के लिए भोपाल भी भेजे गए हैं।
झालावाड़ में पक्षियों की मौत का पहला मामला:
झालावाड़ में यह पहला मामला है जब पक्षियों में इस तरह की बीमारी सामने आई है। इधर, गुरुवार को कोटा से विशेषज्ञों की टीम झालावाड़ पहुंच गई है। यह टीम कौओं की जांच करेगी। फिलहाल, कौओं में एवियन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि होने के बाद शहर के सभी पोल्ट्री फार्म और इनसे जुड़ी दुकानों पर सैंपलिंग करवाई जा रही है। वहीं, बालाजी क्षेत्र में स्थित पोल्ट्री और अंडों की दुकानों से बिक्री बंद करवा दी गई है।
बालाजी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को फिलहाल बाहर निकलने की मनाही है। प्रशासन ने इस क्षेत्र में राशन समेत अन्य सामग्री पहुंचाने की व्यवस्था की है। इसके लिए टीम बना दी गई है। कर्फ्यू कब हटाया जाएगा, इसको लेकर प्रशासन ने कोई जानकारी नहीं दी है।
जोधपुर के बाद अब झालावाड़:
राज्य में सबसे पहले जोधपुर में कौओं की मौत का मामला सामने आया था। शहर में राजीव गांधी पुलिस थाने के पास स्थित भोमिया की थान पर करीब एक हफ्ते से रोज कौए मृत मिल रहे हैं। मंगलवार को 32 और बुधवार को 15 कौए मृत पाए गए। मामला सुर्खियो में आने के बाद पशुपालन विभाग ने कौओं के सैंपल भोपाल भेजे, लेकिन अभी इनकी रिपोर्ट नहीं आई। जोधपुर के कुछ विशेषज्ञों ने शुरुआत में आशंका जताई की थी कि रानीखेत नाम की बीमारी से कौओं की मौत हो रही है। अब झालावाड़ में एवियन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि के बाद चिंता बढ़ गई है।
एक्सपर्ट व्यू: एवियन इन्फ्लूएंजा दूसरे पक्षियों में भी फैल सकता है:
पशु चिकित्सक डॉ. टीए बंसोड़ ने बताया कि एवियन इन्फ्लूएंजा एक तरह से बर्ड फ्लू होता है। यह वायरस जनित बीमारी है, जो एक पक्षी से दूसरे पक्षी तक तेजी से फैलती है। इससे अधिकांश पक्षियों की मौत होती है। पक्षियों से यह बीमारी मनुष्यों में भी फैल सकती है। इसलिए इसमें एवियन इन्फ्लूएंजा एक्शन प्लान-2015 के तहत ही कार्रवाई की जाती है।
एवियन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक बीमारी है, जो पालतू और जंगली पक्षियों की कई प्रजातियों को प्रभावित करती है। सामान्य रूप से यह संक्रमण पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन कभी-कभी यह इंसानों समेत अन्य कई स्तनधारियों को भी इनफेक्टेड कर सकता है। जब यह इंसान को संक्रमित करता है, तो इसे इन्फ्लूएंजा (श्लेष्मिक ज्वर) कहा जाता है।
जोधपुर में एक शंका यह भी थी, लेकिन एक्सपर्ट ने खारिज की:
जोधपुर में पक्षी प्रेमियों का कहना है कि कोई विषाक्त पदार्थ खाने से कौवों की मौत हो रही है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कौवा सबसे चतुर पक्षी है। यदि कुछ कौवों की विषाक्त पदार्थ खाने से मौत हुई होती तो अन्य कौवे उस भोजन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखते। ऐसे में कौवों की मौत का सबसे बड़ा कारण कोई बीमारी ही है।