पश्चिम बंगाल / नारदा केस में अरेस्ट चारों टीएमसी नेता रहेंगे हाउस अरेस्ट, कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को नारदा स्टिंग केस में गिरफ्तार टीएमसी के चारों नेताओं सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा, फिरहाद हकीम व सोवन चटर्जी को नज़रबंद रखने का फैसला सुनाया। दरअसल, मामले की सुनवाई कर रही पीठ में शामिल न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी नेताओं की ज़मानत के पक्ष में थे लेकिन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने हाउस अरेस्ट का आदेश दिया।

Vikrant Shekhawat : May 21, 2021, 03:08 PM
कोलकाता: नारदा स्टिंग मामले में गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस के चारों नेता हाउस अरेस्ट रहेंगे. यह फैसला कोलकाता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने सुनाया है. पीठ इस मामले पर बंटी हुई दिखी.

अरिजीत बनर्जी टीएमसी नेता सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा, फिरहाद हाकिम और पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी को जमानत देने के लिए सहमत थे. लेकिन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल जमानत के खिलाफ थे. इसलिए अब इस मामले की सुनवाई बड़ी पीठ करेगी, तब तक टीएमसी नेताओं के नजरबंद रखने का आदेश दिया गया है.

इससे पहले हाईकोर्ट ने सोमवार रात को जमानत पर रोक लगा दी थी. चारों को सीबीआई ने नारद स्टिंग मामले में सोमवार को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किए थे. खंडपीठ ने बुधवार को सुनवाई एक दिन के लिए स्थगित कर दी थी.

क्या है मामला

नारदा टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने साल 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर पैसा लेते नजर आए थे. यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक हुआ था. कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में मार्च 2017 को सीबीआई जांच का आदेश दिया था.