Vikrant Shekhawat : Dec 11, 2021, 10:46 AM
दिल्ली: देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां शनिवार को हरिद्वार गंगा में विसर्जित की जाएंगी. सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत अन्य सैन्य अधिकारियों का आठ दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना में आकस्मिक निधन हो गया था. शनिवार को वीआईपी घाट पर सुबह दस बजे जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां विसर्जित की जाएंगी.हरिद्वार में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी और महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी ने कहा कि अखाड़े और संत समाज मिलकर जनरल बिपिन रावत की स्मृति में भव्य शहीद धाम बनाएंगे.जो उत्तराखंड का पांचवां धाम बनेगा. उत्तराखंड के चारों पवित्र धामों की यात्रा के साथ इस धाम के दर्शन के लिए भी यात्री आएंगे.श्रीमहंत . ने कहा इस दुख की घड़ी में पूरा संत समाज एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद दिवंगत शहीदों के परिजनों एवं राष्ट्र के साथ दृढता से खड़ा है. उन्होंने कहा कि अमर शहीद जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड के अनमोल रत्न थे. जिन्होंने अपनी चमक से पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन कियामुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और रक्षा राज्यमंत्री की भी पहुंचने की उम्मीदहरिद्वार के डीएम विनय शंकर पांडेय के अनुसार बिपिन रावत और उनकी पत्नी की अस्थियां हरिद्वार पहुंचने की उन्हें जानकारी मिली है. प्रशासन ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. सीडीए सजनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत की बेटियों ने आज सुबह दिल्ली छावनी के बरार स्क्वायर श्मशान घाट से अपने माता-पिता की अस्थियां एकत्र कीं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट भी इस दौरान हरिद्वार पहुंच सकते हैं.सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गईदिल्ली से सुबह छह बजे सेना का विशेष विमान सीडीएस बिपिन रावत की अस्थियां लेकर जौलीग्रांट के लिए रवाना हुआ. जौलीग्रांट हवाई अड्डे से सड़क मार्ग से ससम्मान अस्थियां हरिद्वार लाई जाएंगी. सुबह करीब 11 बजे वीआइपी घाट पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनकी अस्थियां गंगा में विसर्जित कर दी जाएंगी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली कैंट में शाम को जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया था. दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने एकसाथ उन्हें मुखाग्नि दी थी. तीनों सेनाध्यक्षों और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जनरल रावत को अंतिम श्रद्धांजलि दी थी. इस दौरान उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई थी. इस दौरान 800 जवान यहां मौजूद रहें. जनरल रावत की यूनिट 5/11 गोरखा राइफल्स अंतिम संस्कार की व्यवस्था संभाल रखी थी. इससे पहले रावत के अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली की सड़कों पर लोगों की भीड़ लगी रही. जहां-जहां से भी शव वाहन गुजरा वहां लोग हाथ में तिरंगा लिए अमर रहें के नारे लगाते दिखे.