बिहार / आकाशीय बिजली ने फिर बरपाया कहर, चपेट में आने से 12 लोगों की मौत

बिहार में आकाशीय बिजली ने एक बार फिर कहर बरपाया है। बुधवार के अपराह्न 3।30 बजे तक वज्रपात की चपेट में आने से 12 लोगों की मौत हो गई है। जिन 12 लोगों की मौत हुई है उनमें बेगूसराय में 7, भागलपुर 1, मुंगेर 1, कैमूर 1, जमुई 1 और गया में 1 की मौत हुई है। बता दें कि बिहार में इस मानसून सीजन में 200 से अधिक लोगों की जान वज्रपात की चपेट में आने से जा चुकी है।

News18 : Jul 08, 2020, 05:20 PM
पटना। बिहार में आकाशीय बिजली (Lightning) ने एक बार फिर कहर बरपाया है। बुधवार के अपराह्न 3।30 बजे तक वज्रपात की चपेट में आने से 12 लोगों की मौत हो गई है। जिन 12 लोगों की मौत हुई है उनमें  बेगूसराय में 7, भागलपुर 1, मुंगेर 1, कैमूर 1, जमुई 1 और गया में 1 की मौत हुई है।

बता दें कि बिहार में इस मानसून सीजन में 200 से अधिक लोगों की जान वज्रपात (Thunderclap) की चपेट में आने से जा चुकी है। पिछले 25 जून को एक दिन में ही 107 लोगों को वज्रपात में जान गंवानी पड़ी थी।


कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी

इस बीच भारत सरकार पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बिहार में भारी से अत्यंत भारी बारिश और वज्रपात को लेकर अलर्ट जारी किया है।  मिली जानकारी के अनुसार अगले 24 घंटे बाद बिहार कई इलाकों में भारी बारिश होगी। फिलहाल ये अलर्ट 72 घंटे के लिए जारी किया गया है। इस बीच जान माल की हानि के साथ साथ यातायात में बाधा, जलजमाव की स्थिति आने और नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है।

नेपाल से सटे जिलों में होगी भारी बारिश

नेपाल से सटे जिलों उत्तर और मध्य बिहार के लिए चेतावनी जारी की गई है। इसके तहत पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सारण, मधुबनी, सुपौल, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में भारी बारिश के साथ ही वज्रपात की आशंका जताई गई है। वहीं लोगों से  बिजली चमकने और गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई देने पर पक्के घरों में रहने की अपील की गई है।

यह ऐप करें डाउनलोड करें रहेंगे अलर्ट

मौसम विभाग की चेतावनी के बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने भी बारिश के वक्त लोगों को घरों से न निकलने की अपील की है, क्योंकि आकाशीय बिजली गिरने का खतरा रहता है। मौसम विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि 'INDRAVAJRA' ऐप को अपने मोबाइल में डाउनलोड कर लें, जिससे वज्रपात की चेतावनी समय रहते प्राप्त की जा सके।