Vikrant Shekhawat : Jun 30, 2021, 07:11 AM
मुंबई। देश में कोरोना (Covid-19) से सर्वाधिक प्रभावित राज्य रहे महाराष्ट्र (Maharashtra) में मंगलवार को महामारी के 8085 नए केस सामने आए। ये आंकड़ा सोमवार को मिले 6,727 नए मामलों से ज्यादा है। माना जा रहा है कि इस एकाएक आए उछाल के पीछे मुख्य कारण राज्य में टेस्टिंग स्पीड बढ़ाया जाना है। मंगलवार को कुल 190140 सैंपल की टेस्टिंग हुई वहीं सोमवार को 166163 सैंपल की टेस्टिंग हुई थी।
दरअसल महाराष्ट्र में कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस की मौजूदगी के कारण राज्य सरकार सतर्क हो गई है। इसी के मद्देनजर कई कदम उठाए जा रहे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार में अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री नवाब मलिक ने कहा है-अगर महाराष्ट्र को पर्याप्त वैक्सीन डोज मिल जाएं तो पूरी जनसंख्या का वैक्सीनेशन महज दो महीने में ही किया जा सकता है। उन्होंने डेल्टा प्लस वैरिएंट को भी वैक्सीनेशन से जोड़ते हुए कहा है कि राज्य में नए वैरिएंट के 21 केस मिले हैं। इनमें से सिर्फ एक को वैक्सीन का पहला डोज मिला था।बीते शुक्रवार को डेल्टा प्लस वैरिएंट से एक 80 वर्षीय महिला के जान गंवाने के बाद राज्य सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। सरकार का कहना है कि अब वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। वहीं ठाणे और पुणे जैसे जिलों में मॉल सहित अन्य सार्वजिक जगहों को खोलने का निर्णय कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है। साथ ही अन्य दुकानें और सार्वजनिक दफ्तर शाम 4 बजे तक बंद कर दिए जाएंगे।राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने दिया था प्रेजेंटेशनगौरतलब है कि महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने कुछ दिनों पहले एक प्रस्तुतिकरण (प्रेजेंटेशन) दिया था जिसमें कहा था कि संक्रमण का नया स्वरूप ‘डेल्टा प्लस’ राज्य में कोविड-19 की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्य कोविड-19 कार्य बल के सदस्य और स्वास्थ्य विभाग के सदस्य भी इस बैठक में शामिल हुए थे। यह नया स्वरूप ‘डेल्टा प्लस’ भारत में सबसे पहले सामने आए ‘डेल्टा’ या ‘B।1।617।2’ स्वरूप में ‘म्यूटेशन’ से बना है। भारत में संक्रमण की दूसरी लहर आने की एक वजह ‘डेल्टा’ भी था।गृह मंत्रालय की राज्यों को चिट्ठी, रणनीति के तहत करें मुकाबलावहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को राज्यों से कहा है कि कोरोना से निपटने के लिए पांच सूत्रीय रणनीति पर ध्यान देने की जरूरत है। मंत्रालय ने टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट, वैक्सीनेशन और कोरोना उपयुक्त व्यवहार अपनाने पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने कहा है कि राज्यों को केस पॉजिटिविटी रेट, अस्पतालों में बेड की उपलब्धता पर लगातार ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा जिलेवार रणनीति बनाने पर जोर देने की बात कही गई है। मंत्रालय ने कहा है कि अगर केस पॉजिटिविटी रेट बढ़ता है और अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ती है तो तत्काल कंटेनमेंट रणनीति पर काम करना होगा।
दरअसल महाराष्ट्र में कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस की मौजूदगी के कारण राज्य सरकार सतर्क हो गई है। इसी के मद्देनजर कई कदम उठाए जा रहे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार में अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री नवाब मलिक ने कहा है-अगर महाराष्ट्र को पर्याप्त वैक्सीन डोज मिल जाएं तो पूरी जनसंख्या का वैक्सीनेशन महज दो महीने में ही किया जा सकता है। उन्होंने डेल्टा प्लस वैरिएंट को भी वैक्सीनेशन से जोड़ते हुए कहा है कि राज्य में नए वैरिएंट के 21 केस मिले हैं। इनमें से सिर्फ एक को वैक्सीन का पहला डोज मिला था।बीते शुक्रवार को डेल्टा प्लस वैरिएंट से एक 80 वर्षीय महिला के जान गंवाने के बाद राज्य सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। सरकार का कहना है कि अब वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। वहीं ठाणे और पुणे जैसे जिलों में मॉल सहित अन्य सार्वजिक जगहों को खोलने का निर्णय कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है। साथ ही अन्य दुकानें और सार्वजनिक दफ्तर शाम 4 बजे तक बंद कर दिए जाएंगे।राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने दिया था प्रेजेंटेशनगौरतलब है कि महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने कुछ दिनों पहले एक प्रस्तुतिकरण (प्रेजेंटेशन) दिया था जिसमें कहा था कि संक्रमण का नया स्वरूप ‘डेल्टा प्लस’ राज्य में कोविड-19 की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्य कोविड-19 कार्य बल के सदस्य और स्वास्थ्य विभाग के सदस्य भी इस बैठक में शामिल हुए थे। यह नया स्वरूप ‘डेल्टा प्लस’ भारत में सबसे पहले सामने आए ‘डेल्टा’ या ‘B।1।617।2’ स्वरूप में ‘म्यूटेशन’ से बना है। भारत में संक्रमण की दूसरी लहर आने की एक वजह ‘डेल्टा’ भी था।गृह मंत्रालय की राज्यों को चिट्ठी, रणनीति के तहत करें मुकाबलावहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को राज्यों से कहा है कि कोरोना से निपटने के लिए पांच सूत्रीय रणनीति पर ध्यान देने की जरूरत है। मंत्रालय ने टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट, वैक्सीनेशन और कोरोना उपयुक्त व्यवहार अपनाने पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने कहा है कि राज्यों को केस पॉजिटिविटी रेट, अस्पतालों में बेड की उपलब्धता पर लगातार ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा जिलेवार रणनीति बनाने पर जोर देने की बात कही गई है। मंत्रालय ने कहा है कि अगर केस पॉजिटिविटी रेट बढ़ता है और अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ती है तो तत्काल कंटेनमेंट रणनीति पर काम करना होगा।