वैक्सीन / चीनी वैक्सीन्स पर निर्भर देशों में कोविड-19 के मामलों में दिख रही बढ़ोतरी: न्यूयॉर्क टाइम्स

अमेरिकी अखबार 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' के मुताबिक, चीनी कोविड-19 वैक्सीन निर्माता सिनोफार्म और सिनोवैक पर निर्भर देशों सेशेल्स, चिली, बहरीन और मंगोलिया में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी दिख रही है। बकौल अखबार, इन देशों में 50%-68% आबादी को टीका लग चुका है लेकिन पिछले हफ्ते ये देश कोविड-19 का भयंकर प्रकोप झेलने वाले शीर्ष 10 देशों में शामिल थे।

Vikrant Shekhawat : Jun 24, 2021, 09:20 AM
न्यूयॉर्क: दुनिया के कई मुल्कों में चीन की कोरोना वैक्सीन (Chinese Coronavirus Vaccine) से लोगों का वैक्सीनेशन किया गया, लेकिन अब इन मुल्कों में फिर से कोरोना मामलों में इजाफा हो रहा है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मंगोलिया, सेशेल्स और बहरीन जैसे देश चीन (China) द्वारा कोरोनावायरस (Coronavirus) से निपटने के लिए बनाई गई कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) पर निर्भर थे, लेकिन अब इन मुल्कों में संक्रमण में बढ़ोतरी हो रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कई देशों के उदाहरणों से पता चलता है कि चीनी वैक्सीन कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने में बहुत कारगर नहीं है, खासतौर पर कोविड के नए वेरिएंट पर.

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, चीनी वैक्सीन (Chinese Vaccine) के जरिए सेशेल्स, चिली, बहरीन और मंगोलिया में लगभग 50 से 68 फीसदी आबादी का पूरी तरह से वैक्सीनेशन किया गया है. इन मुल्कों ने वैक्सीनेशन के मामले में अमेरिका तक को पीछे छोड़ दिया. हालांकि, ये कोविड महामारी से बुरी तरह जूझने वाले दुनिया के टॉप 10 देशों में भी शामिल हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग में एक वायरोलॉजिस्ट जिन डोंग्यान ने कहा, यदि वैक्सीन पर्याप्त रूप से अच्छी है, तो हमें ये पैटर्न नहीं देखने को मिलता. इसे ठीक करने की जिम्मेदारी चीन की है.

चीनी वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमण की चपेट में आ रहे लोग

सेशेल्श में चीन की सिनोफॉर्म (Sinopharm) वैक्सीन के जरिए लोगों को वैक्सीनेशन किया गया, लेकिन अब वहां 10 लाख की आबादी पर 716 नए मामले सामने आ गए हैं. चीनी सहायता पर निर्भर मंगोलिया ने तेजी से वैक्सीनेशन किया और फिर प्रतिबंधों में ढील दी. इसने अपनी 52 फीसदी आबादी का वैक्सीनेशन किया. लेकिन रविवार को यहां पर रिकॉर्ड 2400 से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए, जो एक महीने पहले के आंकड़ों की तुलना में चार गुना हैं.

बहरीन और यूनाइटेड अरब अमीरात पहले दो ऐसे देश थे, जिन्होंने सिनोफॉर्म वैक्सीन को मंजूरी दी. उस दौरान इस वैक्सीन के लास्ट स्टेज के क्लिनिकल ट्रायल डाटा को रिलीज नहीं किया गया था. हालांकि, इन दोनों ही मुल्कों में वैक्सीनेशन के बाद से इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं, यहां हर रोज वैक्सीनेटेड लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं.

चीन ने अपनी सफाई में क्या कहा?

दूसरी ओर, चीन ने सफाई पेश करते हुए कहा है कि हाल के प्रकोपों और इसकी वैक्सीन का कोई संबंध नहीं हैं. चीनी विदेश मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का हवाला देते हुए कहा कि कई मुल्कों में वैक्सीनेशन पर्याप्त स्तर तक नहीं पहुंचा, जो महामारी को काबू में करने के लिए जरूरी है. और ऐसे में इन मुल्कों को नियंत्रण बनाए रखने की जरूरत है. मंत्रालय ने कहा कि कई रिपोर्ट्स और डाटा से इस बात की जानकारी मिलती है कि इन मुल्कों ने खुद के सुरक्षित और विश्वसनीय होने का दावा किया है और कहा है कि इन्होंने महामारी को काबू करने में मुख्य भूमिका निभाई है.