हिमाचल प्रदेश / हिमाचल के किन्नौर में भूस्खलन वाली जगह से 2 और शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या हुई 19

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, किन्नौर (हिमाचल प्रदेश) में बचाव अभियान के चौथे दिन भूस्खलन वाली जगह से 2 और शव बरामद किए गए हैं और मृतकों की कुल संख्या 19 हो गई है। गौरतलब है कि राज्य सरकार प्रत्येक मृतक के परिजन को ₹4 लाख और राज्य का परिवहन विभाग ₹1 लाख मुआवज़ा देगा।

Vikrant Shekhawat : Aug 14, 2021, 12:59 PM
किन्नौर: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में पहाड़ टूटने के हादसे के बाद जारी खोज एवं बचाव अभियान के चौथे दिन दो ओर शव बरामद हुए हैं, मृतकों की संख्या 19 हो गई है। अभी राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

इससे पहले, तीसरे दिन शुक्रवार को तीन शव निकाले गए थे। हादसे का शिकार हुई एचआरटीसी बस के 11 यात्री अब भी लापता हैं। घटनास्थल पर पत्थरों के गिरने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को दोपहर बाद 4:38 बजे हाईवे से गुजर रही एचआरटीसी की बस पर पत्थर गिरने से महिला और युवक यात्री घायल हो गए थे। 

घायलों को भावानगर स्वास्थ्य केंद्र में उपचार देने के बाद घर भेज दिया गया है। सर्च ऑपरेशन में शामिल खोजी कुत्ता भी पत्थर गिरने से घायल हुआ है। हाईवे को फिलहाल आवाजाही के लिए बंद कर दिया है। 

इससे पहले, शुक्रवार तड़के 4:00 बजे सर्च ऑपरेशन किया गया। इस दौरान शिमला से मंगवाए गए खोजी कुत्तों का भी सहारा लिया गया। पत्थरों और मिट्टी के बीच दबे लोगों को खोजने के लिए जिला प्रशासन ने खुदाई मशीन को लगाया है। 

200 मीटर खड़ी चढ़ाई पर सड़क बनाकर दोनों तरफ से लापता लोगों को खोजा जा रहा है। सर्च अभियान में जुटीं टीमों के लिए सतलुज जल विद्युत निगम खाने-पीने की व्यवस्था कर रहा है। लापता लोगों के परिजनों के ठहरने की भी व्यवस्था की गई है।

लाहौल में चंद्रभागा नदी पर भी टूटा पहाड़, चार घर जलमग्न, छह गोशालाएं क्षतिग्रस्त

किन्नौर के बाद अब जनजातीय जिला लाहौल स्पीति की पट्टन घाटी में चंद्रभागा नदी पर पहाड़ टूटा है। शुक्रवार सुबह 9:00 बजे भारी भूस्खलन से कई टन मलबा और चट्टानें नदी में गिर गईं। इससे पानी का बहाव दो घंटे के लिए रुक गया। जलस्तर 20 गुना ज्यादा बढ़ गया। 

अफरातफरी के बीच जान बचाने के लिए नदी के किनारे बसे तडंग, जसरथ, नालडा और जुंडा गांव के सहमे लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भाग गए। हालांकि, 11:00 बजे नदी के बहाव ने मलबे के बीच से रास्ता बना लिया और खतरा कम हो गया। इससे प्रशासन और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और लोग लौट आए। 

लेकिन,क्षेत्र में पानी भरने से तडंग गांव में चार घर जलमग्न हो गए जबकि छह गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। दो मवेशी और करीब 50 बीघा जमीन बह गई। सेब के साथ फूल गोभी, मटर, आलू की फसल तबाह हो गई है। नालडा से जुंडा गांव के लिए सिंचाई परियोजना भी क्षतिग्रस्त हुई है।