Gajendra Singh Rathore : Sep 20, 2024, 07:39 AM
चूरू के सरदारशहर थाने में हरियाणा से आए युवकों को टोल विवाद में छोड़ने की एवज में डीएसपी के 6 लाख रुपए वसूली करने का मामला तूल पकड़ रहा है। पीड़ितों ने सबूत दिखाए हैं कि किस तरह सरदार शहर डीएसपी ने 6 लाख रुपए मांगे। फिर बीजेपी पार्षद के जरिए ऑनलाइन लेनदेन किया गया।
मामले की जांच कर रहे राजगढ़ डीएसपी प्रशांत किरण ने भी डीएसपी अनिल ( Anil Maheshwari ) की भूमिका को संदिग्ध माना है। जांच रिपोर्ट में बताया है कि पीड़ितों से वसूली की गई है। रिपोर्ट के आधार पर डीजीपी ने आरोपी डीएसपी अनिल माहेश्वरी को एपीओ कर दिया है।
पड़ताल में सामने आया कि लेनदेन का यह पूरा खेल रात 11 से 12 बजे पीड़ितों के अलग-अलग खातों से हुआ।
लखासर टोल पर गाड़ियों पर बरसाए पत्थरपीड़ित अमन जाट निवासी धनोरा (हरियाणा) ने रिपोर्टर को बताया- मैं 16 सितंबर को दोस्तों के साथ बीकानेर के गांव गुसाईंसर में अपने दोस्त गोरधन के घर पर हनुमानजी के रोट में शामिल होने जा रहा था। हम अपनी गाड़ियों से टिडीयासर टोल पर पहुंचे। हमारे ग्रुप की 5 गाड़ियों में से 4 पर फास्ट टैग लगा था, जबकि एक पर फास्ट टैग नहीं था। इस पर टोल वाले ने एक गाड़ी का डबल टोल मांगा। जिस पर कहासुनी हो गई।
इसके बाद हम अपनी पांचों गाड़ियों को लेकर लखासर टोल पर पहुंचे, जहां हमारी गाड़ियों पर पत्थर मारे गए। पथराव के कारण गाड़ियों के शीशे टूट गए।
एक-एक आदमी के कपड़े उतरवाएडर के कारण हम गाड़ियों को मोड़कर कालू गांव की तरफ चले गए, जहां पुलिस ने हमारी गाड़ियों को रुकवा लिया। हमारी गाड़ियों की तलाशी ली गई, लेकिन हमारे पास कुछ नहीं मिला। इसके बाद डीएसपी अनिल माहेश्वरी और एएसआई रामनिवास हमें गाड़ियों सहित थाने लेकर आ गए। डीएसपी अनिल ने हम सभी को धमकाया और कमरे में बंद कर दिया। एक-एक आदमी को पीछे ले गए, जहां हमारे कपड़े उतरवाए और मामला दर्ज करने की धमकी दी।
थाने में मिला मदनलाल, डीएसपी को 1 लाख नकद दिएपीड़ित अमन जाट ने बताया- इसी दौरान हमें थाने में एक व्यक्ति मिला। उसने अपना नाम मदनलाल बताया। उसने कहा कि डीएसपी मेरा जानकार है, मैं तुम्हें छुड़वा दूंगा। कुछ देर बाद मदनलाल मुझे बुलाकर डीएसपी के पास ले गया, जहां डीएसपी ने मुझसे साढ़े सात लाख रुपए मांगे। मैंने 1 लाख रुपए नकद डीएसपी अनिल माहेश्वरी को दिए। तभी डीएसपी ने कहा कि बकाया रुपए मदनलाल आपको जो खाता नंबर बताए, उस पर फोन-पे करवा दो। इसके बाद तुम्हें छोड़ दिया जाएगा।
अपने और दोस्तों के मोबाइल से किए ऑनलाइन ट्रांजैक्शनपीड़ित अमन जाट ने बताया- 2 लाख रुपए मैंने अपने खाते से, 1 लाख रुपए अपने दोस्त अरविंद के खाते से, 49 हजार रुपए प्रवीण यादव के खाते से, 50 हजार रुपए गोरधन के खाते से और 1 लाख रुपए भतीजे के दोस्तों के फोन-पे से करवाए।
अमन ने बताया- कुल 8 ट्रांजैक्शन में 4 लाख 99 हजार रुपए ट्रांसफर किए। इसमें 50 हजार रुपए मदनलाल ओझा के खाते में और बाकी 4 लाख 49 हजार रुपए मदनलाल के जानकार सुरेंद्र कुमार सैनी के खाते में ट्रांसफर किए गए। सभी ट्रांजैक्शन रात करीब 11 से 12 बजे के बीच किए गए। अमन ने बताया- एसपी जय यादव को की गई शिकायत में पूरी वसूली के सबूत भी भेजे हैं।
जांच अधिकारी बोले- डीएसपी की भूमिका संदिग्धशिकायत मिलने पर चूरू एसपी जय यादव ने राजगढ़ डीएसपी प्रशांत किरण से मामले की जांच कराई। प्रशांत किरण की जांच में सामने आया कि डीएसपी अनिल माहेश्वरी ने सरदारशहर ( Sardarshahar ) के किसी भाजपा पार्षद के मार्फत उन लोगों को छोड़ने की एवज में करीब 6 से 7 लाख रुपए की मांग की थी। इस पर करीब 5 लाख रुपए ऑनलाइन और 1लाख रुपए नकद रुपए दिए गए। प्रशांत किरण को अपनी जांच में डीएसपी की भूमिका संदिग्ध लगी है। मामले की पूरी जांच कर अंतरिम रिपोर्ट एसपी जय यादव को भेज दी गई है।
डीजीपी ने डीएसपी को किया एपीओएसपी जय यादव ने बताया- आईपीएस प्रशांत किरण की ओर से मिली रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेज दी गई थी। इसके बाद डीजीपी यूआर साहू ने सरदारशहर डीएसपी अनिल माहेश्वरी को एपीओ कर दिया। एपीओ काल के दौरान अनिल माहेश्वरी जयपुर पुलिस मुख्यालय में उपस्थिति देंगे।
मदन ने भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष से दिया इस्तीफाउधर, हरियाणा के युवकों से रुपए के लेनदेन का मामला सामने आने के बाद सरदारशहर के भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष मदनलाल ओझा ने भाजपा जिलाध्यक्ष बसंत शर्मा को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने सरदार शहर भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कही।
डीएसपी की भूमिका संदिग्ध नजर आईएएसपी लोकेंद्र दादरवाल ने बताया- हरियाणा के युवकों को संदेह के आधार पर सरदारशहर थाने में लाने और रुपए वसूलने की शिकायत एसपी को मिली थी। इसकी जांच आईपीएस प्रशांत किरण से करवाई गई, जिसमें सरदारशहर डीएसपी की भूमिका संदिग्ध नजर आई।
मामले की जांच कर रहे राजगढ़ डीएसपी प्रशांत किरण ने भी डीएसपी अनिल ( Anil Maheshwari ) की भूमिका को संदिग्ध माना है। जांच रिपोर्ट में बताया है कि पीड़ितों से वसूली की गई है। रिपोर्ट के आधार पर डीजीपी ने आरोपी डीएसपी अनिल माहेश्वरी को एपीओ कर दिया है।
पड़ताल में सामने आया कि लेनदेन का यह पूरा खेल रात 11 से 12 बजे पीड़ितों के अलग-अलग खातों से हुआ।
लखासर टोल पर गाड़ियों पर बरसाए पत्थरपीड़ित अमन जाट निवासी धनोरा (हरियाणा) ने रिपोर्टर को बताया- मैं 16 सितंबर को दोस्तों के साथ बीकानेर के गांव गुसाईंसर में अपने दोस्त गोरधन के घर पर हनुमानजी के रोट में शामिल होने जा रहा था। हम अपनी गाड़ियों से टिडीयासर टोल पर पहुंचे। हमारे ग्रुप की 5 गाड़ियों में से 4 पर फास्ट टैग लगा था, जबकि एक पर फास्ट टैग नहीं था। इस पर टोल वाले ने एक गाड़ी का डबल टोल मांगा। जिस पर कहासुनी हो गई।
इसके बाद हम अपनी पांचों गाड़ियों को लेकर लखासर टोल पर पहुंचे, जहां हमारी गाड़ियों पर पत्थर मारे गए। पथराव के कारण गाड़ियों के शीशे टूट गए।
एक-एक आदमी के कपड़े उतरवाएडर के कारण हम गाड़ियों को मोड़कर कालू गांव की तरफ चले गए, जहां पुलिस ने हमारी गाड़ियों को रुकवा लिया। हमारी गाड़ियों की तलाशी ली गई, लेकिन हमारे पास कुछ नहीं मिला। इसके बाद डीएसपी अनिल माहेश्वरी और एएसआई रामनिवास हमें गाड़ियों सहित थाने लेकर आ गए। डीएसपी अनिल ने हम सभी को धमकाया और कमरे में बंद कर दिया। एक-एक आदमी को पीछे ले गए, जहां हमारे कपड़े उतरवाए और मामला दर्ज करने की धमकी दी।
थाने में मिला मदनलाल, डीएसपी को 1 लाख नकद दिएपीड़ित अमन जाट ने बताया- इसी दौरान हमें थाने में एक व्यक्ति मिला। उसने अपना नाम मदनलाल बताया। उसने कहा कि डीएसपी मेरा जानकार है, मैं तुम्हें छुड़वा दूंगा। कुछ देर बाद मदनलाल मुझे बुलाकर डीएसपी के पास ले गया, जहां डीएसपी ने मुझसे साढ़े सात लाख रुपए मांगे। मैंने 1 लाख रुपए नकद डीएसपी अनिल माहेश्वरी को दिए। तभी डीएसपी ने कहा कि बकाया रुपए मदनलाल आपको जो खाता नंबर बताए, उस पर फोन-पे करवा दो। इसके बाद तुम्हें छोड़ दिया जाएगा।
अपने और दोस्तों के मोबाइल से किए ऑनलाइन ट्रांजैक्शनपीड़ित अमन जाट ने बताया- 2 लाख रुपए मैंने अपने खाते से, 1 लाख रुपए अपने दोस्त अरविंद के खाते से, 49 हजार रुपए प्रवीण यादव के खाते से, 50 हजार रुपए गोरधन के खाते से और 1 लाख रुपए भतीजे के दोस्तों के फोन-पे से करवाए।
अमन ने बताया- कुल 8 ट्रांजैक्शन में 4 लाख 99 हजार रुपए ट्रांसफर किए। इसमें 50 हजार रुपए मदनलाल ओझा के खाते में और बाकी 4 लाख 49 हजार रुपए मदनलाल के जानकार सुरेंद्र कुमार सैनी के खाते में ट्रांसफर किए गए। सभी ट्रांजैक्शन रात करीब 11 से 12 बजे के बीच किए गए। अमन ने बताया- एसपी जय यादव को की गई शिकायत में पूरी वसूली के सबूत भी भेजे हैं।
जांच अधिकारी बोले- डीएसपी की भूमिका संदिग्धशिकायत मिलने पर चूरू एसपी जय यादव ने राजगढ़ डीएसपी प्रशांत किरण से मामले की जांच कराई। प्रशांत किरण की जांच में सामने आया कि डीएसपी अनिल माहेश्वरी ने सरदारशहर ( Sardarshahar ) के किसी भाजपा पार्षद के मार्फत उन लोगों को छोड़ने की एवज में करीब 6 से 7 लाख रुपए की मांग की थी। इस पर करीब 5 लाख रुपए ऑनलाइन और 1लाख रुपए नकद रुपए दिए गए। प्रशांत किरण को अपनी जांच में डीएसपी की भूमिका संदिग्ध लगी है। मामले की पूरी जांच कर अंतरिम रिपोर्ट एसपी जय यादव को भेज दी गई है।
डीजीपी ने डीएसपी को किया एपीओएसपी जय यादव ने बताया- आईपीएस प्रशांत किरण की ओर से मिली रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेज दी गई थी। इसके बाद डीजीपी यूआर साहू ने सरदारशहर डीएसपी अनिल माहेश्वरी को एपीओ कर दिया। एपीओ काल के दौरान अनिल माहेश्वरी जयपुर पुलिस मुख्यालय में उपस्थिति देंगे।
मदन ने भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष से दिया इस्तीफाउधर, हरियाणा के युवकों से रुपए के लेनदेन का मामला सामने आने के बाद सरदारशहर के भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष मदनलाल ओझा ने भाजपा जिलाध्यक्ष बसंत शर्मा को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने सरदार शहर भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कही।
डीएसपी की भूमिका संदिग्ध नजर आईएएसपी लोकेंद्र दादरवाल ने बताया- हरियाणा के युवकों को संदेह के आधार पर सरदारशहर थाने में लाने और रुपए वसूलने की शिकायत एसपी को मिली थी। इसकी जांच आईपीएस प्रशांत किरण से करवाई गई, जिसमें सरदारशहर डीएसपी की भूमिका संदिग्ध नजर आई।