Vikrant Shekhawat : Sep 15, 2023, 12:33 AM
Abhishek Banerjee: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अभिषेक बनर्जी के केंद्रीय एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के एक दिन बाद गुरुवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने टीएमसी नेता से न्यायाधीश ना बनने और इसके बजाय केंद्रीय एजेंसियों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने देने का आग्रह किया। धर्मेंद्र प्रधान ने दावा किया कि भ्रष्टाचार में शामिल लोग वर्तमान में बंगाल के मामलों का प्रबंधन कर रहे हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी पर सत्तारूढ़ टीएमसी ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। टीएमसी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तुलना एक ‘‘वॉशिंग मशीन’’ से की, जो उनकी पार्टी में शामिल होने पर भ्रष्ट व्यक्तियों को अच्छे व्यक्तियों में बदल देती है। "अगर गलती नहीं की तो बनर्जी इतने डरे क्यों हैं?"गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में ईडी के अधिकारियों ने बुधवार को टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से 9 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। बनर्जी ने दावा किया था कि भाजपा बुधवार को विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की समन्वय समिति की बैठक में शामिल होने से उन्हें रोकना चाहती थी। इसके जवाब में आज धर्मेंद्र प्रधान ने पार्टी के एक कार्यक्रम से इतर कहा, ‘‘अभिषेक बनर्जी न्यायाधीश नहीं हैं; कानून को अपना काम करने दीजिए। वह न तो किसी फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के प्रभारी हैं और न ही न्यायाधीश हैं। यदि बनर्जी ने कोई गलती नहीं की है तो वे इतने डरे हुए क्यों हैं? बंगाल में, यह सिर्फ नारद और सारदा घोटाला नहीं है; कोयला से लेकर पशु तस्करी जैसे भ्रष्टाचार के कई अन्य मामले भी सामने आए हैं। यदि कोई भ्रष्टाचार है तो केंद्रीय एजेंसियां जांच करेंगी। राज्य सरकार को भ्रष्टाचारी चला रहे हैं।’’ टीएमसी बोली- नारद घोटाले में शुभेंदु का भी नामवहीं टीएमसी ने केंद्रीय मंत्री की टिप्पणियों को लेकर तीखा पलटवार किया और कहा कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जारी समन विपक्षी देलों को परेशान करने के लिए राजनीति से प्रेरित है। टीएमसी की नेता और राज्य सरकार में मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘‘भाजपा को भ्रष्टाचार के बारे में बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि उनके नेता शुभेंदु अधिकारी का नाम नारद घोटाले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर में दर्ज है और वह अभी भी आजाद घूम रहे हैं। उन्हें बनर्जी के खिलाफ बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग किया। हम सभी जानते हैं कि उन्हें विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में शामिल होने से रोकने के लिए कल पूछताछ के लिए बुलाया गया था।’’