Bank Fraud Case / DHFL के पूर्व डायरेक्टर को CBI ने 34000 करोड़ के बैंक फ्रॉड मामले में किया गिरफ्तार

34000 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड मामले में सीबीआई ने डीएचएफएल के पूर्व डायरेक्टर धीरज वधावन को गिरफ्तार कर लिया है. धीरज वधावन को गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली में स्पेशल कोर्ट में पेश किया जहां अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वाधवान ने ये धोखाधड़ी 17 ऋणदाता बैंकों के साथ की थी, जो कि देश में अबतक का सबसे बैंकिंग फ्रॉड है.

Vikrant Shekhawat : May 15, 2024, 08:00 AM
Bank Fraud Case: 34000 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड मामले में सीबीआई ने डीएचएफएल के पूर्व डायरेक्टर धीरज वधावन को गिरफ्तार कर लिया है. धीरज वधावन को गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली में स्पेशल कोर्ट में पेश किया जहां अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वाधवान ने ये धोखाधड़ी 17 ऋणदाता बैंकों के साथ की थी, जो कि देश में अबतक का सबसे बैंकिंग फ्रॉड है.

सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड

34,000 करोड़ रुपये की 17 बैंकों की कंसोर्टियम से धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई पहले ही मामला दर्ज कर चुकी है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया इस बैंकों की कंसोर्टियम की अगुवाई कर रही है. बैंक फ्रॉड मामले में सीबीआई की चार्जशीट में 2022 में ही धीरज वधावन के नाम को शामिल कर लिया गया था. वहीं, देश के बैंकिंग इतिहास का इसे सबसे बड़ा फ्रॉड माना जाता है. इससे पहले भी सीबीआई धीरज वधावन को यस बैंक घोटाले मामले में गिरफ्तार कर चुकी थी और इस मामले में फिलहाल वो जमानत पर था.

17 बैंकों से फ्रॉड का आरोप

सीबीआई ने नई दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल कोर्ट में डीएचएफएल के तबके सीएमडी कपिल वधावन और डायरेक्टर धीरज वधावन समेत कुल 74 लोगों और 57 कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था. इनपर 17 बैंकों के साथ फ्रॉड करने का आरोप है. चार्जशीट में सीईओ हरशिल मेहता के नाम को भी शामिल किया गया था.

DHFL की बुक्स में हेराफेरी

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर जो एपआईआर दर्ज की गई उसमें कहा गया कि डीएचएफएल के कपिल वधावन धीरज वधावन जो कि डायरेक्टर था उसने दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों को कंसोर्टियम के साथ फ्रॉड को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश रची और इन बैंकों पर 42,871.42 करोड़ रुपये कर्ज देने को कहा. कर्ज के हिस्से की बड़ी रकम को निकालकर उसका दुरुउपयोग किया गया. सीबीआई के मुताबिक डीएचएफएल के बुक्स में हेराफेरी की गई. शिकायत में ये आरोप लगाया गया कि 31 जुलाई, 2020 तक बकाये रकम के 17 बैंको के कंसोर्टियम को 34615 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.