Vikrant Shekhawat : Dec 21, 2020, 04:58 PM
जयपुर.कोरोनाकाल में भले ही सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चे नहीं आ रहे हो, लेकिन अभी भी टीचरों को स्कूल जाना पड़ रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बने स्माइल प्रोजेक्ट के तहत टीचरों को बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल बुलाया जा रहा है। ऐसे टीचरों की लिए राहत की खबर ये हैं कि उन्हें 25 से 31 दिसंबर तक स्कूल जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान ने स्कूलों के विंटर वैकेशन (शीतकालीन अवकाश) घोषित किए हैं। इस दौरान टीचरों के लिए 25 से 31 दिसंबर तक छुट्टी रहेगी। इस आदेश से पूरे प्रदेश में लगभग 3.80 लाख से ज्यादा टीचरों को राहत मिली हैं।
जब काम ही नहीं तो छुट्टी क्यों?
राज्य के तमाम सरकारी स्कूलों की बात करें तो यहां ऑनलाइन क्लास के नाम पर ज्यादा कुछ नहीं हो रहा। टीचरों को एनसीआरटी से पहले ही तैयार की गई ऑनलाइन क्लास का लिंक मिलता है। जिसे टीचरों के मोबाइल पर वाट्सएप के जरिए भेजा जाता है।
टीचर इन वीडियो को स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पैरेंट्स के मोबाइल ग्रुप पर भेजते हैं। ऐसे में टीचर स्वयं पढ़ाने के बजाए केवल मोबाइल पर आए लिंक को पैरेंट्स तक भेजने का काम करते हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब टीचरों के पास स्कूल में कोई काम ही नहीं है तो अवकाश क्यों?
निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान ने स्कूलों के विंटर वैकेशन (शीतकालीन अवकाश) घोषित किए हैं। इस दौरान टीचरों के लिए 25 से 31 दिसंबर तक छुट्टी रहेगी। इस आदेश से पूरे प्रदेश में लगभग 3.80 लाख से ज्यादा टीचरों को राहत मिली हैं।
जब काम ही नहीं तो छुट्टी क्यों?
राज्य के तमाम सरकारी स्कूलों की बात करें तो यहां ऑनलाइन क्लास के नाम पर ज्यादा कुछ नहीं हो रहा। टीचरों को एनसीआरटी से पहले ही तैयार की गई ऑनलाइन क्लास का लिंक मिलता है। जिसे टीचरों के मोबाइल पर वाट्सएप के जरिए भेजा जाता है।
टीचर इन वीडियो को स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पैरेंट्स के मोबाइल ग्रुप पर भेजते हैं। ऐसे में टीचर स्वयं पढ़ाने के बजाए केवल मोबाइल पर आए लिंक को पैरेंट्स तक भेजने का काम करते हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब टीचरों के पास स्कूल में कोई काम ही नहीं है तो अवकाश क्यों?