- सचिन पायलट को मनाने का जिम्मा प्रियंका गांधी को मुम्बई से राजस्थान रवाना हुए Milind Deora, प्रियंका ने सचिन से बात की
- केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का गहलोत पर तंज- सफल राज्य की बजाय अशोक जी असफल नाटक की कहानी लिख बैठे
- सचिन पायलट अब बीजेपी में कहने वाले छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पूनिया बोले मेरी जुबान फिसल गई थी
- तीन घंटे देरी से शुरू हुई मुख्यमंत्री आवास पर बैठक, कई विधायक और मंत्री नहीं पहुंचे
जयपुर | Rajasthan political crisis : राजस्थान में जारी सियासी संग्राम में सचिन पायलट (Sachin pilot) के मान-मनौव्वल का दौर शुरू हो चुका है। प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) और मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) सरीखे नेता पायलट को मनाने की कोशिश में जुट गए हैं। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खास दोस्त माने जाने वाले सचिन पायलट को मनाने का जिम्मा प्रियंका गांधी वाड्रा को मिला है। इस विवाद को खत्म करने के लिए प्रियंका गांधी खुद उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और सीएम गहलोत से बात कर रही हैं। साथ ही कांग्रेस के युवा नेता मिलिंद देवड़ा को मुम्बई से रवाना किया गया है ताकि वे इस मामले में सुलाझाव कर सकें। कुछ देर पहले जयपुर स्थित कांग्रेस के मुख्यालय से सचिन पायलट के प्रदेश अध्यक्ष के पद वाले पोस्टर हटा दिए गए थे। लेकिन प्रियंका गांधी के आदेश पर दोबारा से पोस्टर लगा दिए गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी ने सचिन पायलट से फोन पर बात की हैं। साथ ही भरोसा दिलाया है कि उनकी बातों को पार्टी में सुना और समझा जाएगा। प्रियंका ने दोनों नेताओं से कहा है कि वे बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाया जाए। मुंबई कांग्रेस के युवा नेता मिलिंद देवड़ा को कांग्रेस ने दूत बनाया है। सूत्रों का कहना है कि मिलिंद देवड़ा को मुंबई से दिल्ली बुलाया गया है और उन्हें सचिन पायलट को मनाने को कहा गया है। सचिन पायलट की तरह ही मिलिंद देवड़ा भी कांग्रेस के युवा चेहरे हैं।
सचिन पायलट को रोका जाए: संजय निरुपम
मुंबई कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने कहा कि दुनिया कि हर पार्टी में मतभेद होते हैं। लेकिन समस्याओं को सुलझाना नेतृत्व का काम है। राजस्थान में ऐसा बडा विवाद नहीं है कि जिसे रोका नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी हित में सचिन पायलट को रोका जाना चाहिए। पार्टी से एक-एक कर सारे नेता चले ही जाएंगे तो बचेगा कौन। इससे पहले कांग्रेस आलाकमान के दूत माने जाने वाले रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि सचिन पायलट समेत तमाम नाराज विधायकों के लिए पार्टी के दरवाजे खुले हैं। वे आलाकमान से जब चाहे तब बात कर सकते हैं। पार्टी बैठक में आकर अपनी बात रखें। उन्होंने कहा कि परिवार के लोग जब नाराज हो जाते हैं तो वह मां-पिता या चाचा-ताऊ से बात करके मुद्दों को सुलझा लेते हैं।
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विधायकों को किया मीडिया के सामने पेश
सचिन पायलट के बगावती तेवर के बीच राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर मंडरा रहा सियासी संकट अब टलता दिख रहा है। जयपुर में विधायकों की बैठक से पहले कांग्रेस ने सरकार के समर्थन में आए विधायकों को मीडिया के सामने पेश किया। पार्टी ने दावा किया कि सरकार के पक्ष में 102 विधायक बैठक में पहुंचे हैं। इसके अलावा जो विधायक जयपुर नहीं पहुंचे हैं उनमें भी कई संपर्क में हैं। फिलहाल राजस्थान में जारी सियासी घमासान में अशोक गहलोत ने विधायकों को कैमरे के सामने पेश करके अपने शक्ति का प्रदर्शन किया। जानिए, उनके इस दांव से सूबे की राजनीति में क्या असर होगा। चर्चा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर रघुवीर मीणा को बिठाना चाहते हैं। CWC सदस्य रघुवीर मीणा उदयपुर के सांसद रह चुके हैं।
तीन घंटे बाद शुरू हुई बैठक
राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच सीएम आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक निर्धारित समय से लगभग तीन घंटे बाद शुरू हुई। सीएम अशोक गहलोत के मीडिया सलाहकार ने जानकारी दी है कि बैठक में 107 विधायक मौजूद हैं। इससे पहले समाचार एजेंसी पीटीआइ ने जानकारी दी थी कि बैठक शुरू होने से एक घंटे पहले दोपहर करीब साढ़े 12 बजे तक लगभग 100 विधायक मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंचे थे। इस बैठक में पायलट के करीबी माने जाने वाले कुछ विधायक नहीं पहुंचे थे। इस बैठक में उपमुख्यंत्री सचिन पायलट, मंत्री रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह बैठक से नदारद रहे। इसके अलावा विधायक राकेश पारीक, मुरारी लाल मीणा, जीआर खटाना, इंद्राज गुर्जर, गजेंद्र सिंह शक्तावत, हरीश मीणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा, विजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी और पीआर मीणा भी बैठक में नहीं पहुंचे।राजनीति के जानकार बताते हैं कि पायलट भले ही दावा करें कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए उनके खेमे में 15 विधायक ही नजर आ रहे हैं। गहलोत सरकार के कद्दावर मंत्री बाकी विधायकों से संपर्क करने की कोशिश भी कर रहे हैं। गौरतलब है कि पार्टी पहले ही दावा कर चकी है कि उसके पास 109 विधायकों का समर्थन है। पार्टी ने उप मुख्यमंत्री और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष सचिन पायलट के दावे को खारिज कर दिया है कि सरकार के पास बहुमत नहीं है। बता दें कि पार्टी ने इस बैठक को लेकर व्हिप जारी किया है। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने जानकारी दी थी कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में बगैर किसी सूचना के न शामिल होने वाले विधायकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पिछले 48 घंटों में कांग्रेस नेतृत्व ने पायलट से कई बार बात की
इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है, ' मैं सभी कांग्रेस विधायकों से अपील करता हूं कि लोगों ने राज्य में एक स्थिर सरकार का नेतृत्व करने के लिए कांग्रेस को वोट दिया है, इसलिए सभी विधायकों को आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होना चाहिए और राज्य में हमारी सरकार को मजबूत बनाना चाहिए। पिछले 48 घंटों में, कांग्रेस नेतृत्व ने वर्तमान राजनीतिक स्थिति (राजस्थान में) के बारे में सचिन पायलट से कई बार बात की है।'
राजस्थान में कांग्रेस सरकार स्थिर है और हम पूरा कार्यकाल पूरा करेंगे- सुरजेवाला
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीपसिंह सुरजेवाला ने कहा, 'किसी भी नेता को कोई दिक्कत है वे आगे आएं और पार्टी फोरम पर इसका उल्लेख करें। हम इसे एक साथ हल करने और राज्य में अपने सरकार को बरकरार रखने के लिए काम करेंगे। मैं स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार स्थिर है और हम पूरा कार्यकाल पूरा करेंगे। राज्य में भाजपा की कोई भी साजिश हमारी सरकार को गिराने में सफल नहीं होगी।' राजस्थान में चल रहे सियायी ड्रामे के बीच कांग्रेस और भाजपा के नेता लगातार बयानबाजी भी कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि सचिन पायलट और दूसरे लोगों के लिए दरवाजे खुले हैं, उन्हें पार्टी फोरम पर आकर चर्चा करनी चाहिए। उधर, कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पूनिया ने एक बार तो साफ कह दिया कि सचिन पायलट अब भाजपा में हैं, लेकिन आधे घंटे बाद ही पलट गए। उन्होंने सफाई दी कि पायलट की नहीं बल्कि सिंधिया की बात कर रहा था, लेकिन जुबान फिसल गई।
गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, ‘‘सरकार को कोई खतरा नहीं है। हमें 109 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। जिन विधायकों को भाजपा द्वारा जबरन रोका जा रहा है, वे वीडियो बनाएं और शेयर करें। राजस्थान में कांग्रेस सरकार अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने वक्तव्य जारी कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधा है। डॉ. पूनियां ने कहा कि क्या सत्ता खोने का भय बुद्धि को भी हर लेता है, प्रदेश के मुख्यमंत्री के स्वयं को और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सहित अन्य विधायकों एवं मंत्रियों को पुलिस धारा 160 के अंतर्गत दिए गए नोटिस जिसमें राज्य सरकार को राज्यसभा चुनाव के दौरान अस्थिर करने की साजिश के अंतर्गत 124A एवं 120B के नोटिस पर अनुसंधान हेतु बयान के लिए तलब किया है, बेहद हास्यास्पद एवं अपरिपक्व निर्णय जैसा लगता है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस में युवाओं की उपेक्षा हो रही है और प्रभावी बुजुर्ग नेताओं का अपमान होता रहा हैं पूनिया ने कहा कि माधवराव सिंधिया, राजेश पायलट के साथ भी अच्छा नहीं हुआ और अब ज्योतिरादित्या और पायलट के साथ भी वही हुआ। पायलट ने पांच साल तक गांव—गांव जाकर पार्टी को खड़ा किया, मेहनत की, लेकिन उनके साथ धोखा हुआ।
कांग्रेस विधायक अपने सीएम से खुश नहीं: ओम माथुर
भाजपा सांसद माथुर ने कहा कि राजस्थान के लोगों ने कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका दिया था, उन्हें इसका सही इस्तेमाल करना चाहिए था। सीएम को अपनी सरकार बरकरार रखनी चाहिए थी, लेकिन वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। उनकी पार्टी के विधायक उनसे खुश नहीं हैं।
सरकार ने बहुमत खो दिया: सतीश पूनिया
राजस्थान में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने कहा है कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के हकदार थे, लेकिन अशोक गहलोत सीएम बन गए। तभी से कांग्रेस में विवाद शुरू हो गया। आज जो हो रहा है वह भी उसी विवाद का नतीजा है। प्रदेश सरकार ने बहुमत खो दिया है। जोधपुर सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी अशोक गहलोत पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि एक सफल राज्य की कहानी लिखने की बजाय अशोक जी एक असफल नाटक की कहानी लिख बैठे।
गहलोत के करीबियों पर रेड
राजस्थान में राजनीतिक उठापटक के बीच सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और ज्वैलरी फर्म के मालिक राजीव अरोड़ा और कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ के यहां इनकम टैक्स के छापे मारे गए। आयकर विभाग ने राजस्थान, दिल्ली और महाराष्ट्र में इन दोनों नेताओं के कई ठिकानों पर रेड की। राजस्थान में सरकार गिराने की कोशिशों के बीच इन छापेमारी को लेकर सियासत शुरू हो गई। इन छापों पर कांग्रेस ने कहा कि भाजपा गलत तरीके अपना रही है। बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष राठौड़ के जयपुर में सोमदत्त स्थित अपार्टमेंट पर रेड डाली गई। इनकम टैक्स की टीम राठौड़ के निवास में पहुंची। यहां सभी का प्रवेश रोक दिया गया। जयपुर, कोटा, दिल्ली और मुंबई में एक साथ कई जगहों पर छापे मारे गए हैं। सूत्रों के अनुसार, ये छापे कर चोरी की शिकायत को लेकर मारे गए हैं। वहीं, आम्रपाली ज्वैलर्स के सह संस्थापक राजीव अरोड़ा के घर भी आयकर विभाग की रेड पड़ी। उनके कई कार्यालयों और घर पर आयकर विभाग की कार्रवाई की। राजीव अरोड़ा लंबे समय से गहलोत से जुड़े हुए हैं। दोनों ही नेता गहलोत के बेहद करीबी हैं और पार्टी का चुनाव प्रबंधन सहित फंडिग का भी काम देखते हैं। वहीं ईडी ने जयपुर के पास कूकस स्थित होटल फेयरमोंट में भी छापा मारा। यह होटल अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के करीबी का है। राजनीतिक गलियारो में चर्चा है कि गहलोत के करीबी कुछ निर्दलीय विधायकों पर भी छापेमारी की कार्रवाई हो सकती है।