डॉ. अर्चना शर्मा खुदकुशी केस / राजस्थान में आत्महत्या के विरोध में आज झारखंड के अस्पतालों की ओपीडी बंद, मरीजों की मुश्किल

राजस्थान के दौसा में गत दिनों खुदकुशी करने वाली डॉ. अर्चना शर्मा झारखंड की बेटी थीं। आत्महत्या के दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग को लेकर आज झारखंड के अस्पताल बंद रहेंगे। विरोधस्वरूप डॉक्टर 12 घंटे काम का बहिष्कार करेंगे। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

Vikrant Shekhawat : Apr 02, 2022, 11:06 AM
राजस्थान के दौसा में गत दिनों खुदकुशी करने वाली डॉ. अर्चना शर्मा झारखंड की बेटी थीं। आत्महत्या के दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग को लेकर आज झारखंड के अस्पताल बंद रहेंगे। विरोधस्वरूप डॉक्टर 12 घंटे काम का बहिष्कार करेंगे। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। 

शनिवार को पूरे झारखंड के सरकारी और निजी अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग (OPD) सेवाएं बंद रहेंगी। सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक इनमें रोगियों के परामर्श का काम बंद रहेगा। सभी अस्पतालों में डॉक्टर मौजूद रहेंगे, लेकिन वे ओपीडी में सेवाएं नहीं देंगे। वे शाम 7 बजे बाद परामर्श के लिए उपलब्ध रहेंगे। 

खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप

इस बंद के दौरान अस्पतालों की आकस्मिक सेवाएं बाधित नहीं होंगी।  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आईएमए), वुमंस डॉक्टर्स विंग तथा झारखंड राज्य स्वास्थ्य संगठन (झासा) के आह्वान पर हड़ताल की जा रही है। इन संगठनों का आरोप है कि रांची की बेटी डॉ. अर्चना शर्म को खुदकुशी के उकसाया गया। 

दौसा में भाजपा नेता हिरासत में 

उधर, राजस्थान के दौसा में डॉक्टर शर्मा की खुदकुशी को लेकर पुलिस ने भाजपा नेता और पूर्व विधायक जितेंद्र गोठवाल को हिरासत में ले लिया है। गोठवाल पर ही प्रसूता की मौत के बाद डॉ. अर्चना शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन करने का आरोप है। कहा जा रहा है कि प्रदर्शन से परेशान होकर ही डॉ. अर्चना शर्मा ने खुदकुशी की। 

प्रसूता की मौत के बाद की थी खुदकुशी

रांची की रहने वाली स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्चना शर्मा राजस्थान के दौसा में निजी अस्पताल चलाती थीं। 28 मार्च को एक प्रसूता की मौत के बाद उसके परिजनों ने अर्चना शर्मा पर केस दर्ज करवाया था। इसके बाद से डॉ. शर्मा डिप्रेशन में चली गई थीं, इसके बाद उन्होंने खुदकुशी कर ली थी। डॉक्टर की खुदकुशी से राजस्थान व झारखंड के चिकित्सकों में आक्रोश है।  

मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग

एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केअर प्रोवाइडर्स इन इंडिया की झारखंड इकाई के अध्यक्ष जोगेश गंभीर ने कहा है कि केंद्रीय स्तर पर एक मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू होना चाहिए। डॉ. अर्चना शर्मा मजबूरी में सुसाइड की है इसलिए ये आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है। 

केंद्री मंत्री मुंडा ने भी जांच की मांग

उधर, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी इस मामले की जांच की मांग की है। मुंडा ने राजस्थान की गहलोत सरकार से इस मामले में जांच की मांग की है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि स्वर्ण पदक विजेता डॉ. अर्चना शर्मा की आत्महत्या की घटना बेहद दुःखद है। इस घटना के बाद राजस्थान सरकार एवं पुलिस प्रशासन कटघरे में खड़ा कर दिया है।