Vikrant Shekhawat : Apr 24, 2022, 03:19 PM
भारत ने एक बार फिर से चीन को उसी की भाषा में जवाब दिया है। वैश्विक एयरलाइंस निकाय(IATA) के मुताबिक, भारत ने चीनी नागरिकों के पर्यटक वीजा को निलंबित कर दिया है। भारत द्वारा यह निर्णय तब लिया गया है जब 22 हजार से अधिक भारतीय छात्रों को चीन वापस लौटने देने की अनुमति नहीं दे रहा है। दरअसल, कोरोना की वजह से 22 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र चीन से वापस आ गए थे। अब ये छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए वापस चीन जाना चाहते हैं, लेकिन चीनी प्रशासन इन छात्रों को वापस आने की अनुमति नहीं दे रहा है। चीन द्वारा इन छात्रों को वेटिंग लिस्ट में रखा गया है। आईएटीए ने बताया कि, भारत द्वारा चीनी नागरिकों को जारी किए गए पर्यटक वीजा अब वैध नहीं हैं। हालांकि, चीनी नागरिकों को व्यापार, रोजगार, राजनयिक और आधिकारिक वीजा दिया जा रहा है। बातचीत के बाद भी चीन नहीं दे रहा अनुमतिचीन के अड़ियल रुख की वजह से आज हजारों छात्रों को भविष्य अधर में लटक गया है। इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 17 मार्च को कहा था कि भारत ने बीजिंग से इस मामले में "सौहार्दपूर्ण रुख" अपनाने का आग्रह किया है, क्योंकि सख्त प्रतिबंधों की निरंतरता हजारों भारतीय छात्रों के शैक्षणिक करियर को खतरे में डाल रही है। बागची ने बताया कि इससे पहले चीन ने कहा था कि वह इस मामले पर विचार कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद चीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। आईएटीए के मुताबिक, अब भूटान, नेपाल, मालदीव के निवास परमिट वाले यात्री, भारत द्वारा जारी वीज़ा या ई-वीज़ा वाले यात्री, भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) कार्ड या बुकलेट वाले यात्री; भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) कार्ड वाले यात्री; और राजनयिक पासपोर्ट वाले यात्रियों को भारत जाने की अनुमति है। इसके साथ यह भी कहा कि 10 साल की वैधता वाले पर्यटक वीजा अब मान्य नहीं हैं।