म्यांमार / मासूम बच्ची अपने पिता के गले लगने के लिए अचानक दौड़ी, पुलिसवाले ने मार दी गोली

म्यांमार में चुनी हुई सरकार के तख्तापलट के बाद से ही वहां की सेना के खिलाफ लोग सड़कों पर हैं और जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों की सेना की गोली से मौत भी हो चुकी है। लेकिन आज जो हुआ उसने पूरी दुनिया को हिला दिया। पुलिस की गोली से आज म्यांमार में एक 7 साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई। पुलिस ने उसे उस वक्त गोली मार दी जब वो अपने पिता के गले लगने के लिए उनकी तरफ अचानक दौड़ गई।

म्यांमार में चुनी हुई सरकार के तख्तापलट के बाद से ही वहां की सेना के खिलाफ लोग सड़कों पर हैं और जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों की सेना की गोली से मौत भी हो चुकी है। लेकिन आज जो हुआ उसने पूरी दुनिया को हिला दिया। पुलिस की गोली से आज म्यांमार में एक 7 साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई। पुलिस ने उसे उस वक्त गोली मार दी जब वो अपने पिता के गले लगने के लिए उनकी तरफ अचानक दौड़ गई।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने सैन्य तख्तापलट की कार्रवाई के बाद हो रहे विरोध-प्रदर्शन में जान गंवाने वाली वो मासूम बच्ची म्यांमार में सबसे कम उम्र की पीड़िता बन गई है। माइन शहर में  खिन मायो चित के परिवार ने बीबीसी को बताया कि घर पर छापे के दौरान जब बच्ची अपने पिता की ओर भागी तो पुलिस ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। तख्तापलट के बाद बढ़ते विरोध प्रदर्शन को देखते हुए म्यांमार की सेना लगातार अपने बल का इस्तेमाल बढ़ा रही है।

वहीं राइट्स ग्रुप सेव द चिल्ड्रेन ने कहा है कि तख्तापलट के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक 20 से ज्यादा बच्चे उन दर्जनों लोगों में शामिल हैं जो मारे गए हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक वहां विरोध प्रदर्शन में 164 लोग मारे गए हैं, जबकि असिस्टेंट एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स (AAPP) एक्टिविस्ट ग्रुप का दावा है कि सेना की गोलियों की वजह से अब तक म्यांमार में कम से कम 261 लोगों की मौत हुई है।
वहीं दूसरी तरफ सेना ने मंगलवार को प्रदर्शनकारियों की मौत पर दुख व्यक्त किया और देश में अराजकता और हिंसा लाने के लिए आंदोलनकारियों को ही दोषी ठहरा दिया। हालांकि सेना के दावों के उलट स्थानीय मीडिया के मुताबिक सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कई राउंड गोलियां चलाई। लोगों की पिटाई की गई और आंदोलनकारियों के घर पर छापे मारकर प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है।

खिन मायो चित की बड़ी बहन ने बताया कि पुलिस अधिकारी मंगलवार दोपहर को मंडला में  पड़ोस के सभी घरों की तलाशी ले रहे थे। आखिर में वो हथियारों की तलाश और गिरफ्तारी करने के लिए उनके घर में  घुस गए। "उन्होंने दरवाजे को खोलने के लिए उसमें लात मारी, उन्होंने मेरे पिता से पूछा कि क्या घर में और लोग भी हैं"। जब उसने कहा कि नहीं, तो उन्होंने (सैनिकों) उस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और घर की तलाशी शुरू कर दी, यही वो समय था जब  खिन मियो चित अपने पिता के पास गोद में बैठने के लिए दौड़ पड़ी और इसी दौरान उसे पुलिस वालों ने गोली मार दी।