Vikrant Shekhawat : Apr 08, 2022, 10:15 PM
राजस्थान हाईकोर्ट ने आरजेएस भर्ती-2021 की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा है कि कोर्ट मामले में गठित विशेषज्ञ कमेटी के निर्णय में दखल नहीं दे रही है.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के जवाब में जहां एक से अधिक उत्तर जाते हैं, वहां सबसे सही उत्तर को चिन्हित करना सही है. इसलिए यह कहना गलत है कि प्रश्न में एक से अधिक उत्तर सही होंगे. इसके अलावा यदि एक से अधिक उत्तर भी सही है तो अभ्यर्थी को सबसे सही उत्तर को ही जवाब के तौर पर देगा. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश तीन दर्जन से अधिक याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए.
याचिकाएं खारिजयाचिकाओं में आरजेएस भर्ती-2021 की प्रारंभिक परीक्षा में चार प्रश्नों को डिलीट कर परिणाम जारी करने व कुछ अन्य प्रश्नों के उत्तरों पर आपत्ति जताई गई थी.याचिका में मान्यता प्राप्त पुस्तकों का हवाला देते हुए कहा गया था कि याचिकाकर्ताओं ने सही उत्तर लिखे थे, लेकिन प्रश्नों को गलत जांचने के चलते वे मुख्य परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गए. वहीं हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से कहा गया कि प्रश्नों को विशेषज्ञ कमेटी की राय पर ही डिलीट किया गया था. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने याचिकाओं को खारिज कर दिया हैं
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के जवाब में जहां एक से अधिक उत्तर जाते हैं, वहां सबसे सही उत्तर को चिन्हित करना सही है. इसलिए यह कहना गलत है कि प्रश्न में एक से अधिक उत्तर सही होंगे. इसके अलावा यदि एक से अधिक उत्तर भी सही है तो अभ्यर्थी को सबसे सही उत्तर को ही जवाब के तौर पर देगा. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश तीन दर्जन से अधिक याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए.
याचिकाएं खारिजयाचिकाओं में आरजेएस भर्ती-2021 की प्रारंभिक परीक्षा में चार प्रश्नों को डिलीट कर परिणाम जारी करने व कुछ अन्य प्रश्नों के उत्तरों पर आपत्ति जताई गई थी.याचिका में मान्यता प्राप्त पुस्तकों का हवाला देते हुए कहा गया था कि याचिकाकर्ताओं ने सही उत्तर लिखे थे, लेकिन प्रश्नों को गलत जांचने के चलते वे मुख्य परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गए. वहीं हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से कहा गया कि प्रश्नों को विशेषज्ञ कमेटी की राय पर ही डिलीट किया गया था. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने याचिकाओं को खारिज कर दिया हैं