मनी / पैन कार्ड से जुड़े नियम आज ही जान लें, नौकरी करने वालों के लिए है बेहद जरूरी

इनकम टैक्स एक्ट के तहत, सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है कि अपना पर्मानेन्ट अकाउंट नंबर अपने नियोक्ता के साथ जरूर साझा करें। इनकम टैक्स के नियमों में यह प्रावधान इसलिए किया गया है क्योंकि अगर किसी कर्मचारी की सैलरी इनकम टैक्स के दायरे में आता है तो TDS काटना नियोक्ता की जिम्मेदारी होती है।

News18 : Feb 08, 2020, 05:32 PM
नई दिल्ली। इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act, 1961) के तहत, सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है कि अपना पर्मानेन्ट अकाउंट नंबर (PAN) अपने नियोक्ता (Employer) के साथ जरूर साझा करें। इनकम टैक्स के नियमों में यह प्रावधान इसलिए किया गया है क्योंकि अगर किसी कर्मचारी की सैलरी इनकम टैक्स के दायरे में आता है तो TDS (Tax Dedcuted at Source) काटना नियोक्ता की जिम्मेदारी होती है। इसके लिए नियोक्ता के पास कर्मचारी का पैन नंबर या आधार नंबर होना अनिवार्य होता है।

पैन कार्ड से जुड़े ये पांच नियम

1. अगर आपकी आय टैक्सेबल इनकम के दायरे में नहीं आती है तो आपको पैन या आधार (Aadhaar Card) ​देना अनिवार्य नहीं है। क्योंकि आपके नियोक्ता द्वारा इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 206AA के तहत TDS काटने का प्रावधान होता है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय 2।5 लाख रुपये से कम है तो उन्हें टैक्स नहीं देना होता है।

2. अगर आप अपने नियोक्ता को पैन कार्ड उपलब्ध नहीं कराते हैं और आप इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं तो नियोक्ता 20 फीसदी ये इससे उपर की दर पर TDS काट सकता है। हां, अगर कोई कर्मचारी टैक्स दायरे में नहीं आता है तो उसका टैक्स नहीं काटा जाएगा।

3. पिछले साल ही यह नियम है कि आधार की जगह पैन और पैन की जगह आधार का इस्तेमाल किया जा सकता है। आप इनकम टैक्स के लिए 10 अंकों वाले पैन नंबर की जगह 12 अंकों वाला आधार दे सकते हैं। लेकिन ऐसा करने से अपहले आपको ये सुनिश्चित करना होगा कि आपका पैन और आधार एक दूसरे से लिंक हों।

4. अगर आप पैन की जगह आधार नंबर देते हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि अगर आधार नंबर में कोई गलती पाई जाती है तो इसके लिए 10 हजार रुपये का जुमार्ना लग सकता है। इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 272B में प्रावधान है।

5. अगर आपने नियोक्ता को पैन कार्ड उपलब्ध नहीं कराया है और आपकी सैलरी से TDS काट लिया गया है तो आप इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते वक्त रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं।