राजस्थान / लॉकडाउन हुआ अनलॉक, लेकिन सभी जरूरतमंद वकीलों को नहीं मिली आर्थिक मदद; जरूरतमंद 6500 में से 2000 को ही मिली आर्थिक मदद

जयपुर । लॉकडाउन के दौरान न्यायिक कामकाज ठप होने के चलते बीसीआर ने जरूरतमंद वकीलों को पांच-पांच हजार रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी, लेकिन लॉकडाउन से अनलॉक होने के बाद भी सभी जरूरतमंद वकीलों को आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है। मदद 6 हजार वकीलों में बंटनी थी लेकिन 2 हजार वकीलों में ही बंट पाई है बीसीआर ने इस राशि को बढ़ाकर तीन करोड़ रुपए कर दिया।

Vikrant Shekhawat : Jun 27, 2020, 09:57 PM

जयपुर  लॉकडाउन के दौरान न्यायिक कामकाज ठप होने के चलते बीसीआर ने जरूरतमंद वकीलों को पांच-पांच हजार रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी, लेकिन लॉकडाउन से अनलॉक होने के बाद भी सभी जरूरतमंद वकीलों को आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है।


बीसीआर (बार काउंसिल ऑफ राजस्थानमें आर्थिक मदद के लिए आए कुल आवेदन पत्रों में से केवल 2000 वकीलों को ही आर्थिक मदद मिली है और 4500 वकीलों को आर्थिक मदद मिलना अभी बाकी है। दरअसल बीसीआर की कमेटी की सिफारिश पर बीसीआई (बार काउंसिल ऑफ इंडियाने अप्रैल महीने में ही युवा और जरुरतमंद वकीलों की आर्थिक मदद के लिए एक करोड़ रुपए मंजूर किए थे।


मदद 6 हजार वकीलों में बंटनी थी लेकिन 2 हजार वकीलों में ही बंट पाई है

बीसीआर ने इस राशि को बढ़ाकर तीन करोड़ रुपए कर दिया। यह राशि छह हजार वकीलों में बंटनी थी, लेकिन फिलहाल दो हजार वकीलों में ही बंट पाई है और बाकी के वकील राशि बंटने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि बीसीआर के चेयरमैन एस. शाहिद हसन का कहना है कि इस संबंध में बीसीआर की मीटिंग हुई है जिसमें बाकी वकीलों को भी आर्थिक मदद की राशि जारी करने का निर्णय लिया है।


वहीं दी बार एसोसिएशन जयपुर के पूर्व उपाध्यक्ष महेश दत्तात्रेय और अधिवक्ता श्रीकृष्ण खंडेलवाल का कहना है कि बीसीआर की आर्थिक मदद में देरी हो रही है जबकि युवा वकील तीन महीने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। इसलिए उन्हें जल्द आर्थिक मदद दी जाए। हाईकोर्ट बार के पूर्व पदाधिकारी प्रेमचंद देवंदा और अधिवक्ता भागचंद भारद्वाज का कहना है कि युवा वकीलों पर आर्थिक दबाव है। अभी कोर्ट में काम सुचारू नहीं हुआ है और आगामी महीने में बच्चों की स्कूल फीस, बिजली बिल और लोन की किस्त का भार पड़ेगा, लिहाजा आर्थिक मदद राशि बढ़ाई जानी चाहिए।