Vikrant Shekhawat : Aug 20, 2020, 11:40 PM
- हैल्थ प्रोटोकॉल के उल्लघंन पर महामारी अधिनियम के तहत होगी कड़ी कार्रवाई
- सामाजिक आयोजनों में नियमों की अवहेलना पर होगी सख्ती
- संक्रमण रोकने का एकमात्र विकल्प है कि आम लोग अपना बचाव स्वयं करें
- सभी मेडिकल कॉलेजों में हाई-फ्लो ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि आम लोगों द्वारा मास्क पहनने, सामाजिक दूरी रखने तथा बार-बार हाथ धोने के नियमों की पालना सुनिश्चित कराने के लिए अन्तिम स्तर तक के प्रशासनिक अधिकारियों को सावचेत किया जाए। उन्होंने कहा कि शादी-विवाह तथा अन्य सामाजिक आयोजनों में सरकार द्वारा तय किए गये नियमों की पालना नहीं करने पर आयोजकों के साथ-साथ इसमें भाग लेने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। गंभीर मरीजों की देखभाल की रात में विशेष मॉनिटरिंग की जाए
गहलोत ने स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि हर एक नागरिक का जीवन बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने इसके लिए अस्पतालों में उपचाराधीन मरीजों की देखभाल में कोई कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संसाधनों की कोई कमी नहीं है। अधिकारी गंभीर मरीजों के इलाज की रात्रिकालीन पारी में उच्च स्तर पर विशेष रूप से कड़ी मॉनिटरिंग करें। संक्रमण रोकने का एकमात्र विकल्प है कि आम लोग अपना बचाव स्वयं करें
गहलोत ने पिछले 15 दिनों के दौरान कोरोना के मरीजों की लगातार बढी़ संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने दूर-दराज तक के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं के आधारभूत ढ़ांचे को मजबूत किया है तथा आवश्यकता पड़ने पर इसके लिए और अधिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा अब कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने का एकमात्र विकल्प यह है कि आम लोग अपना बचाव स्वयं करते हुए विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए स्वास्थ्य सुरक्षा के नियमों की कड़ाई से पालना करें। सभी मेडिकल कॉलेजों में हाई-फ्लो ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में हाई-फ्लो ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार इस काम में और अधिक गति लाई जाएगी। साथ ही, प्रदेश के सभी कोविड केयर अस्पतालों में गंभीर मरीजों के उपचार के लिए क्रिटिकल केयर में पूरी सतर्कता बरती जाएगी। रात्रिकालीन पारी में मरीजों की देखभाल की व्यवस्था को अधिक चाक-चौबंद किया जाएगा। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार ने कहा कि सोशल डिस्टेसिंग एवं मास्क लगाने में लोग लापरवाही नहीं बरतें इसके लिए प्रशासन की तरफ से सतर्कता बढ़ाई जाए। साथ ही, गंभीर मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में हाई-फ्लो ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हों तथा जिस आवासीय क्षेत्र में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा हों, वहां कंटेमेन्ट जोन बनाकर आवागमन नियंत्रित किया जाए।
बैठक में एसएमएस अस्पताल के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने भी गंभीर मरीजों की विशेष देखभाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीजों के समय पर अस्पताल पहुंचने तथा समुचित इलाज मिलने के कारण प्रदेश में कोरोना से मृत्युदर कम है। सभी विशेषज्ञों ने संक्रमण से नियंत्रण के लिए आम लोगों के व्यवहार में हैल्थ प्रोटोकॉल के अनुरूप बदलाव लाने के लिए जागरूकता बढ़ाने तथा नियमों की पालना करवाने का सुझाव दिया।
इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी, आरयूएचएस के पूर्व कुलपति डॉ. अशोक पानगडिया सहित कई विशेषज्ञ चिकित्सक तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।