Coronavirus / अभी और आएंगे कोरोना के नए वेरिएंट? डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने दिया ये जवाब

लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) के एजेंडे में सबसे आगे रही वैक्सीन इक्विटी पर बोलते हुए, घेब्रेयियस ने कहा कि कोरोना वायरस के हाई ट्रांसमिशन यानी उच्च संक्रमण के अलावा लोगों की कोरोना के टीकों व टेस्ट तक समान पहुंच नहीं है जिसके चलते इसके अधिक वेरिएंट के उभरने के लिए उपयुक्त वातावरण बन रहा है। उन्होंने कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट की कम गंभीरता के बारे में भी बात की।

Vikrant Shekhawat : Feb 18, 2022, 09:55 PM
Coronavirus | क्या वैश्विक कोरोना महामारी अभी और कहर बराएगी? क्या कोरोना के और नए वेरिएंट सामने आएंगे? विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने इन तमाम सवालों के जवाब दिए हैं। उन्होंने दो ऐसे कारणों की ओर इशारा किया है जो चल रही कोविड-19 महामारी को और आगे बढ़ा सकते व वायरस के अधिक नए वेरिएंट के उभरने के लिए एक "आदर्श स्थिति" को जन्म दे सकते हैं। उन्होंने इसके लिए कोरोना वैक्सीन तक असमान पहुंच व कोरोना टेस्ट की कमी को प्रमुख कारण बताया। 

लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) के एजेंडे में सबसे आगे रही वैक्सीन इक्विटी पर बोलते हुए, घेब्रेयियस ने कहा कि कोरोना वायरस के हाई ट्रांसमिशन यानी उच्च संक्रमण के अलावा लोगों की कोरोना के टीकों व टेस्ट तक समान पहुंच नहीं है जिसके चलते इसके अधिक वेरिएंट के उभरने के लिए उपयुक्त वातावरण बन रहा है। उन्होंने कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट की कम गंभीरता के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन की प्रकृति को लेकर कई देशों में "एक झूठी कथा चला रही है" कि "महामारी खत्म हो गई है"।

घेब्रेयेसस ने कहा कि कोविड-19 संकट के कारण होने वाले अल्पकालिक आर्थिक प्रभावों से "बहुत आगे" इसने दुनिया को "टिकाऊ विकास लक्ष्यों" की ओर "गंभीरता से" निर्धारित किया है। अपनी बात का समर्थन करते हुए, डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए, स्वास्थ्य और वित्त क्षेत्रों के बीच "निकट सहयोग" महत्वपूर्ण है।

पिछले महीने, डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड की बैठक के 150 वें सत्र के दौरान, घेब्रेयेसस ने बिना "घबराहट और उपेक्षा के बीच" इस साल ही महामारी को समाप्त करने के लिए मिलकर काम करने वाले देशों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य का प्रबंधन करने के लिए, राष्ट्रों को व्यापक रूप से रणनीतियों और उपकरणों का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है - जिसमें कम से कम 70 प्रतिशत आबादी को टीका लगाने का लक्ष्य, परीक्षण में तेजी लाना, अधिक वेरिएंट की तलाश करना और लगातार महामारी से संबंधित समस्याओं के समाधान ढूंढ़ना शामिल है।