कारोबार / अब देश की अर्थव्यवस्था भी टिकी किसानों के कंधो पर, कृषि क्षेत्र है संकट से उबारने का विकल्प

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने शुक्रवार को कहा, मार्च के अंत से मई के दौरान COVID-19 के कारण लगे लॉकडाउन ने व्यावसायिक क्षेत्र में, उत्पादन, विमानन, पर्यटन, होटल जैसे क्षेत्रों की गतिविधियों को सबसे अधिक प्रभावित किया। जिसका सीधा असर देश की जीडीपी पर पडा। वित्त वर्ष 1979-80 के बाद पहली बार देश की अर्थव्यवस्था इतनी गंभीर स्थिति में पहुंची।

News18 : Aug 29, 2020, 09:25 AM
नई दिल्ली। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) ने शुक्रवार को कहा, मार्च के अंत से मई के दौरान COVID-19 के कारण लगे लॉकडाउन ने व्यावसायिक क्षेत्र में, उत्पादन, विमानन, पर्यटन, होटल जैसे क्षेत्रों की गतिविधियों को सबसे अधिक प्रभावित किया। जिसका सीधा असर देश की जीडीपी पर पडा। वित्त वर्ष 1979-80 के बाद पहली बार देश की अर्थव्यवस्था इतनी गंभीर स्थिति में पहुंची। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, ग्रामीण मांग से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह शहरी मांग का विकल्प नहीं हो सकती। रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन अथवा उसके बाद भी कृषि क्षेत्र लगभग अप्रभावित रहा है। ऐसे में 2020-21 में भी इसमें सालाना आधार पर करीब 3।5 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है।


GDP में 17.03 फीसदी की आ सकती है गिरावट

रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट में बताया गया देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान करीब 17 फीसदी है। ग्रामीण मांग अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर उपभोग मांग को बढाने में मदद कर सकती है, लेकिन यह शहरी मांग का विकल्प नहीं हो सकती।' रिपोर्ट में 2020-21 की पहली तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर में 17.03 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया गया है। कृषि क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जो लॉकडाउन के दौरान या उसके बाद भी काफी हद तक प्रभावित नहीं हुआ है। Ind-Ra को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 21 में कृषि क्षेत्र में सालाना आधार पर 3।5 प्रतिशत की वृद्धि होगी।


तीनों मौसम में अच्छी हुई पैदावार

लॉकडाउन का कृषि क्षेत्र पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ा, तीनों ही मौसम में फसलों की स्थिति काफी अच्छी रही। रबी 2019, खरीफ 2019 और रबी 2020 में अच्छी पैदावार देखने को मिली। इसके अलावा, देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून के टाइम भी प्री-मॉनसून वर्षा के आने से देश के ज्यादातर हिस्सा में खरीफ 2020 की बुवाई पिछले साल के मुकाबले अच्छी रही है। अब तक हुई वर्षा से संकेत मिलता है कि देश कई क्षेत्रों में बाढ़ के बावजूद 2020 तक खरीफ की फसल अच्छी रहेगी।

कृषि उत्पादन के अलावा, यह भी माना जा रहा है कि देश भर में लॉकडाउन के दौरान अपने ग्रामीण गृहनगर लौटने वाले कई कारखानों के श्रमिकों से भी ग्रामीण मांग में वृद्धि होगी।

Ind-Ra ने कहा कि उम्मीद की जा रही है, कोविड-19 संकट की विपरीत परिस्थियों से उबरने में इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर को जबतक दिक्कत पेश आ रही है, तब कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था की गाड़ी दौड़ाने का इंजन बन सकता है। हालांकि, ग्रामीण मांग का एक बड़ा हिस्सा टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं से अलग होता है, लेकिन जून 2020 में मोटरसाइकिल और ट्रैक्टर की बिक्री के आंकड़े प्रोत्साहन देने वाले हैं।