देश / सेना दिवस पर आर्मी चीफ ने कहा- भारतीय सेना का नागरिकों के दिल में विशेष स्थान

थल सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने मंगलवार को चीन, पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात तथा कश्मीर में 'छद्म युद्ध' से मुकाबला कर रहे सैनिकों को चौबीस घंटे सतर्क रहने को कहा। इसके साथ उन्होंने जवानों को भरोसा दिलाया कि उनकी अलग-अलग जरूरतों को किसी भी कीमत पर पूरा किया जाएगा। भारतीय सेना ने राष्ट्र के मन में एक 'विशेष स्थान' बनाया है और यह केवल एक लड़ाकू संगठन या राष्ट्रीय शक्ति का औजार नहीं है।

नई दिल्ली | थल सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने मंगलवार को चीन, पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात तथा कश्मीर में 'छद्म युद्ध' से मुकाबला कर रहे सैनिकों को चौबीस घंटे सतर्क रहने को कहा। इसके साथ उन्होंने जवानों को भरोसा दिलाया कि उनकी अलग-अलग जरूरतों को किसी भी कीमत पर पूरा किया जाएगा। आर्मी चीफ ने कहा कि सेना सिर्फ एक लड़ाकू संगठन नहीं है बल्कि एक मूल्यवान संस्था है जिसका देश के मन में खास स्थान है।

'भारतीय सेना का नागरिकों के दिल में विशेष स्थान'

सेना दिवस की पूर्व संध्या पर 13 लाख कर्मियों वाले बल को दिए अपने संदेश में सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना ने राष्ट्र के मन में एक 'विशेष स्थान' बनाया है और यह केवल एक लड़ाकू संगठन या राष्ट्रीय शक्ति का औजार नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह देश की एक मूल्यवान संस्था भी है। हमें अपने मूल्यों, आचार और अपने नागरिकों द्वारा जताए गए भरोसे को बनाए रखने के संकल्प में दृढ़ बने रहना है।'

'पाक, चीन से लगी सीमा पर डटे जवान हर समय सतर्क रहें'

सेना प्रमुख ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के तहत सैन्य मामलों का विभाग बनाने के सरकार के फैसले को एक फलदायक कदम बताया जिससे तीनों सेनाओं के बीच अधिक समन्वय होगा। थल सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना की प्राथमिक जिम्मेदारी शीर्ष स्तर की तैयारियां बरकरार रखना है। उन्होंने सभी कर्मियों, खासकर पाकिस्तान, चीन की सीमाओं और सियाचिन ग्लेशियर की रक्षा करने वाले जवानों से कहा कि वे 'हर समय सतर्क रहें।' उन्होंने 'छद्म युद्ध की जटिल चुनौती' का मुकाबला करने वाले जवानों को भी सतर्क करने को कहा।

'सेना की जरूरतों को हर कीमत पर पूरा करना सुनिश्चित करेंगे'

जनरल नरवणे ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आपकी परिचालन साजोसामान संबंधी जरूरतों को हर कीमत पर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि सेना ने उभरते खतरों से निपटने के लिए सैद्धांतिक अनुकूलन और क्षमता वृद्धि की दिशा में कई कदम उठाए हैं। सैन्य मामलों के विभाग के गठन पर उन्होंने कहा कि इससे नागरिक-सैन्य तालमेल में वृद्धि होगी, रणनीतिक परिणामों की उत्पादकता बढ़ेगी और तीनों सेनाओं के बीच अधिक से अधिक समन्वय हो सकेगा।