Vikrant Shekhawat : Mar 07, 2022, 12:21 PM
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे के जन्मदिन को लेकर राजे समर्थक लॉबी काफी उत्साहित नजर आ रही है। कल आठ मार्च को राजे अपना जन्मदिन पाटन में मानने जा रही हैं। वे यहां से विधायक भी है, उनके अनुसार पाटन में जन्मदिन मनाने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि, यहां के लोग एसा चाहते थे। जन्मदिन को लेकर लगभग तैयारियों पूरी हो गई हैं। राजे में जन्मदिन पर बड़ा शक्ति प्रदर्शन भी हो सकता है। बूंदी के केशवराय पाटन में बड़े स्तर पर कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। इसे लेकर कई जिलों में बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें राजे समर्थक पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पूर्व जिला अध्यक्ष सहित पार्टी के कई पदाधिकारी शामिल हुए थे। इधर, हाल ही में पूर्व भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि मैं राजे से निवेदन कर कहता हूं कि वे फिर राजस्थान की मुख्यमंत्री बनने का विचार त्याग दें। दरअसल, राजे धार्मिक यात्रा के बाद अब जन्मदिन की यात्रा पर निकालने जा रही हैं। इसे राजनीतिक भाषा में शक्ति प्रदर्शन ही कहा जा रहा है। राजे गुट केंद्र को स्पष्ट संकेत देने का प्रयास कर रहा है कि उनकी मजबूती के आगे राजस्थान में कोई और नहीं है। भाजपा संगठन ने बनाई दूरीइधर, सूत्रों का कहना है कि राजे का जन्मदिन भाजपा संगठन के लिए फांस बन गया है। पार्टी के कई बड़े नेता इससे दूरी बनाए हुए हैं। हालांकि पुराने दिग्गज नेता और राजे समर्थक तैयारी में जुटे हुए हैं। राजे के जन्मिदन को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, जन्मदिन मानना सबका अधिकार, हम उनको बधाई देते हैं। राजनीतिक समीकरण कुछ अलग राजनीतिक जानकारों का कहना है कि, राजे एक जन नेता हैं, इस बात को नकारा नहीं जा सकता। जनता से उनका एक रिश्ता है, वे प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और महारानी हैं। लोग उनकी झलक देखने को चले ही आते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी जी ने वसुंधरा राजे को राजस्थान भेजा और फिर वे यहीं की हो गईं। जानकारों ने कहा कि राजस्थान भाजपा में राजे के लिए आज के राजनीतिक समीकरण कुछ अलग हैं। पिछले कई साल से वसुंधरा और केंद्र की अनबन चल रही है। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय संगठन चाहता है कि राजे राजस्थान छोड़ दें, लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हैं। संगठन राज्य में एक नए चेहरे की तलाश में है, लेकिन राजे की जड़े राजस्थान में गहरी हैं, उन्हें वहां से हटाना भाजपा के लिए आसान नहीं है।