Vikrant Shekhawat : Feb 27, 2022, 09:39 AM
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग हर दिन के साथ आक्रामक होती जा रही है। यूक्रेन के आत्मसमर्पण से इंकार के बाद पुतिन ने अपनी सेना को हमले और तेज करने का आदेश दे दिया है। इसके बाद रूसी सेना यूक्रेन पर चारों तरफ से टूट चुकी है। यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में गैस पाइपलाइन को उड़ा दिया गया है। एक तेल डिपो पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला हुआ है। इसी बीच अमेरिका का बड़ा बयान सामने आया है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि, रूस को रोकने के दो ही विकल्प हैं। पहला यह कि, रूस से सीधे तौर पर युद्ध लड़ा जाए और तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत की जाए। या फिर दूसरा विकल्प यह है कि, यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करेगा, उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि, प्रतिबंधों का एक मात्र विकल्प तीसरा विश्व युद्ध ही होगा। उन्होंने कहा कि, जो भी प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनका व्यापक असर होगा। स्विफ्ट सिस्टम पर प्रतिबंध पर बनी सहमतिरूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसमें कई आर्थिक व व्यवसायिक प्रतिबंध शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि, इन प्रतिबंधों का व्यापक असर होगा। इस बीच अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने रूस के सेंट्रल बैंक को भी प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं अमेरिका व उसके सदस्यों द्वारा रूस को स्विफ्ट सिस्टम से भी बैन करने पर सहमति बन गई है। अगर, ऐसा होता है तो रूस अंतरराष्ट्रीय लेनदेन से पूरी तरह से कट जाएगा और इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। हालांकि, इसकी प्रतिक्रिया में रूस कच्चे तेल की सप्लाई को रोक सकता है, जिसका नतीजा यूरोप में भारी ऊर्जा संकट के रूप में देखने को मिलेगा। जर्मनी ने बंद किया एयरस्पेस यूक्रेन की मदद के लिए जर्मनी भी आगे आया है। उसने यूक्रेन को कई हथियार, टैंक व रॉकेट दिए हैं। इसके अलावा जर्मनी ने रूस को अपना एयरस्पेस इस्तेमाल करने से भी रोक दिया है।